समझौता : यूपी और उत्तराखंड के बीच 57 रूटों पर चलेंगी प्राइवेट बसें
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि राजनीतिक कारणों से छोटी-छोटी बातों को लेकर जनता को सुविधा से वंचित रखना यह संकुचित सोच है। प्रदेश व उत्तराखंड के बीच बसें चलाने का पारस्परिक समझौता पीएम मोदी के एक भारत, श्रेष्ठ भारत की कल्पना को साकार कर रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार के पास संसाधनों का अभाव रहता है। ऐसे में जनहित में पीपीपी मॉडल को आगे बढ़ाना चाहिए।
मुख्यमंत्री सोमवार को अपने सरकारी आवास पर उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड के बीच दो राज्यों के बीच संचालन का अन्तर्राज्यीय पारस्परिक समझौता कार्यक्रम में मुख्य अतिथि थे। उनके साथ उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत भी कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आगे कहा कि दोनों प्रदेश की एक बड़ी आबादी को सुगम और सहज सार्वजनिक परिवहन की जरूरत है।
प्रयागराज के कुंभ मेले के लिए चलने वाली 500 बसों में से 51 बसें आज से शुरू हो जाएंगी। ये शटल बसें बसों की पार्किंग स्थल से पांच किलोमीटर दूर संगम के तट पर श्रद्धालुओं को ले जाएंगी।
इस मौके पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि केन्द्र, यूपी और उत्तराखंड में एक ही दल की सरकार होने का कारण अब तेजी से लम्बित समस्याओं का समाधान हो रहा है। करीब आधा दर्जन राज्यों 42 सालों से लटकी हुई लखवार बांध परियोजना को केन्द्र सरकार के हस्तक्षेप से एक बैठक में सुलझा लिया गया। इसी तरह हिमांचल प्रदेश, हरियाणा और नई दिल्ली के लिए महत्वपूर्ण रेणुका बांध परियोजना को भी सुलझाया गया। प्रदेश सरकार के साथ अतिथि गृह और सिंचाई के लम्बित विवादों को भी निपटाया गया। परिवहन विभाग के इस पारस्परिक समझौते से उत्तराखंड आने वाले यूपीवासियों और यूपी आने वाल उत्तराखंड वासियों को बड़ी सुविधा मिलेगी।
परिवहन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) स्वतंत्रदेव सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार के निर्देश पर परिवहन निगम की बोर्ड की बैठक में संविदा कर्मियों के लिए इलाज के लिए ढाई लाख रुपए की मदद दी जाएगी। यह करार गरीब जनता के लिए काफी अहम है।
प्रदेश की प्रमुख सचिव परिवहन आराधना शुक्ला व उत्तराखंड के परिवहन विभाग के प्रमुख सचिव शैलेश बगौली ने समझौते पर हस्ताक्षर किए। दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने पारस्परिक समझौते की पत्रावलियों को एक-दूसरे को सौंपा।
इस मौके पर उत्तराखंड के परिवहन मंत्री यशपाल आर्य, परिवहन निगम के अध्यक्ष संजीव सरन व मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव एस.पी.गोयल समेत कई अन्य मंत्री व अधिकारी मौजूद थे।
समझौते के अहम बिन्दु-
-यूपी की रोडवेज बसें उत्तराखंड में 216 मार्गों पर एक लाख 39 हजार किलोमीटर चलकर प्रतिदिन 2476 ट्रिप करेंगी
-उत्तराखंड की रोडवेज बसें यूपी में 335 मार्गों पर दो लाख 52 हजार किलोमीटर चलकर प्रतिदिन 1730 ट्रिप करेंगी।
– दोनों राज्यों के निजी बस संचालकों को भी 57 मार्गों पर चलने की अनुमति दी गई है।
परिवहन विभाग की अन्य काम-
हरियाणा, राजस्थान के साथ बसें चलाने का पारस्परिक करार हो चुका है। पंजाब, हिमांचल जम्मू-कश्मीर ने करार करने की सहमति दे दी है। अब जल्द मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और झारखंड से भी बसें चलाने का करार होगा।
– शहरों को प्रदूषण से बचाने के लिए रोडवेज में 250 नई सीएनजी बसें चलेंगी। इनमें से तीन सीएनजी बसें सोमवार को प्रयागराज के लिए रवाना होने वाली 51 बसों के बेड़े में शामिल हैं।
– यूपी देश का ऐसा पहला राज्य जहां ई-चालान और ऑनलाइन परमिट व्यव्यस्था शुरू हुई। विभाग की 24 सेवाएं 73 हजार जनसेवा केन्द्रों के माध्यम ऑनलाइन दी जा रही हैं।
– पहला राज्य जहां महिलाओं के लिए स्पेशल पिंक बसें शुरू हुई। केन्द्र सरकार ने इसकी सराहना करते हुए अपनी परियोजना के तहत 50 नई पिंक बसें के लिए धन देने का फैसला किया। इसमें ड्राइवर और कन्डक्टर भी महिला होंगी।