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मुख्यमंत्री योगी ने कहा -अपनी छवि में सुधार लाए वाणिज्य कर विभाग

वेतनमान और कैडर तय करने जैसी मांगों पर वाणिज्य कर विभाग को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विभाग की छवि सुधारने और ट्रेड और मजदूर यूनियन जैसा व्यवहार न करने की नसीहत दी। उन्होंने कहा कि यूपी जैसे बड़े कंज्यूमर वाले प्रदेश में केवल 13 लाख व्यापारियों का जीएसटी में पंजीकरण और केवल 58 हजार करोड़ के राजस्व से बात नहीं बनने वाली। एक्साइज विभाग का राजस्व टारगेट वाणिज्य कर विभाग के लिए एक आईना हो सकता है। उसने अपना राजस्व टारगेट 14 हजार करोड़ रुपये से बढ़ाकर लगभग 30 हजार करोड़ रुपये किया है। ऐसे में वाणिज्य कर विभाग भी अपना राजस्व टारगेट 58 हजार करोड़ से बढ़ाकर एक लाख 16 हजार करोड़ नहीं तो एक लाख करोड़ रुपये तो कर ही सकते हैं।
व्यापारियों को प्रताड़ित करना बंद करें
उ.प्र. वाणिज्य कर सेवा संघ के 52वें अधिवेशन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुभारम्भ किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि वाणिज्य कर अधिकारी अपने काम और व्यवहार से अपनी छवि में सुधार लाएं। प्रदेश के दौरे पर हमें कई जनपदों में व्यापारियों को ई-वे बिल और अन्य बातों को लेकर व्यापारियों को प्रताड़ित करने की शिकायतें मिलती हैं। अधिकारी इनको सुलझाने और सुधारने का प्रयास करें। विभागीय अधिकारी और व्यापारियों में विश्वास की परंपरा होना बहुत जरूरी है। हमारा दृष्टिकोण मानवीय हो व्यापारियों का शोषण नहीं होना चाहिए क्योंकि वह हमारा उपभोक्ता है। उसमें यह भाव पैदा कि वह कर चोरी करने के बजाए हमारी बनाई व्यवस्था में शामिल हो सके।
जीएसटी में पंजीकरण लक्ष्य 50 लाख हो
उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्य में व्यापारियों का जीएसटी में पंजीकरण लगभग 50 लाख होना चाहिए। उन्होंने कहा कि विभाग ने जो 13 लाख व्यापारियों का पंजीकरण किया है वह बहुत ही कम है। पहले ही चरण में विभाग को लगभग 20 लाख व्यापारियों का पंजीकरण करना चाहिए था। उन्होंने कहा कि जो व्यापारी टैक्स नहीं दे रहे हैं उन्हें भी पंजीकृत किया जाना चाहिए। पिछली सरकार ने जीएसटी को लेकर लोगों में भय फैलाने का प्रयास किया। इसका भी असर रहा कि व्यापारी इससे दूर हुए। कुछ जगह परेशानी भी है। इसको दूर करने के लिए वाणिज्य संघ को खुद प्रयास करना चाहिए।

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