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राहुल की सभा से बेचैन सरकार, CM के साथ तोमर भी किसानों को शांत कराने के अभियान में जुटे

इंदौर। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के 6 जून को मंदसौर आने और इसी दौरान किसान आंदोलन ने शिवराज सरकार की नींद उड़ा दी है। चुनाव के लिए किसानों को फोकस करते हुए, एक ही मंच से कांग्रेस इस दिन चुनावी शंखनाद करेगी। कांग्रेस की इस रणनीति ने भाजपा की बेचैनी बढ़ा दी है।

दरअसल, विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस अध्यक्ष का मध्यप्रदेश में पहला कार्यक्रम है। इसे सफल बनाने के लिए संगठन ने पूरी ताकत झोंकी जा रही है। किसान कांग्रेस की कलश यात्रा और संविधान बचाओ जागरण का समापन भी इसी दिन होगा। विधानसभा चुनाव के लिए किसानों को फोकस करते हुए एक ही मंच से कांग्रेस इस दिन चुनावी शंखनाद करेगी। कांग्रेस की इस रणनीति ने भाजपा में बैचेनी बढ़ा दी है।

मुख्यमंत्री शिवराज 30 मई को जाएंगे मंदसौर
हालात ये है कि अब राहुल गांधी के पहले खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह 30 मई मंदसौर पहुंचेंगे और वहां का हाल जानेंगें, किसानों के साथ मिलकर बातचीत से मामले को सुलझाने का प्रयास करेंगें। किसानों से मिलकर बताएंगें कि, कांग्रेस सिर्फ किसानों के नाम पर सियासत कर रही है। किसानों के लिए कभी कांग्रेस ने कुछ नहीं किया। प्रदेश में किसानों के लिए कदम इस सरकार ने उठाए हैं, वो देश के किसी भी राज्य में नहीं उठाए गए। इसके लिए उन्होंने पूरी तैयारी कर ली है।

सीएम शिवराज सिंह ले रहे हैं पल-पल की अपडेट
इधर इस डैमेज कंट्रोल में साथ देने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के करीबी नरेंद्र सिंह तोमर ने भी मोर्चा संभाल लिया है। इस बीच मुख्यंमत्री ने मंदसौर, नीमच और रतलाम के विधायकों और जिलाध्यक्षों को भोपाल तलब कर पूरे क्षेत्र में किसान आंदोलन और कांग्रेस की रैली की एक-एक जानकारी मांगी है। वहीं अधिकारियों से भी सीएम शिवराज सिंह पल-पल की अपडेट ले रहे हैं।

प्री-मानसून या असमय वर्षा की संभावना
वही दूसरी तरफ मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को साफ निर्देश देते हुए कहा कि, पंजीकृत किसानों को सीमित संख्या में एसएमएस के माध्यम से मंडी में उपज बेचने के लिये बुलाया जाये। किसानों को गर्मी के मौसम में मंडी में ट्रैक्टर ट्राली की लम्बी लाइन की परेशानियों से राहत भी मिलेगी। मंडी में छांव के लिए शेड, पीने के लिए पानी एवं नीबू पानी की व्यवस्था होनी चाहिए। प्री-मानसून या असमय वर्षा की संभावना पता लगते ही मंडी प्रांगण में उपार्जित तथा खुले में रखे हुए स्टॉक की सुरक्षा के लिये त्रिपाल और पन्नी आदि की व्यवस्था सुनिश्चित की जाये।

पेट्रोलिंग और मॉनिटरिंग
सीएम ने कहा कि आंदोलन को लेकर सभी अधिकारी अलर्ट हो जाए। चप्पे-चप्पे पर नजर रखी जाए। स्थिति काबू में रखे, उग्र आंदोलन या जनहानि के हालात न बनने दे। भोपाल-इंदौर हाइवे पर खास नजर रखें। किसान हाइवे पर आकर यात्री वाहनों को नुकसान न पहुंचाएं इसके लिए लगातार पेट्रोलिंग और मॉनिटरिंग करें। विपक्ष की गतिविधियाों पर पूरी नजर रखी जाए। चूंकि किसानों को सरकार के खिलाफ उकसाया जा सकता है, इस बात का विशेष ध्यान रखे।

सोशल मीडिया पर विशेष ध्यान
वहीं राज्य सरकार से मिले निर्देशों के बाद पुलिस ने साफ कर दिया है कि, जो कोई भी ग्रामीणों को सब्जी, दूध या फल बेचने से रोकेगा, उस पर एफआईआर दर्ज की जाए। होशंगाबाद एसपी अरविंद सक्सेना ने प्रशासन और पुलिस को अलर्ट कर दिया है।इसके साथ ही सीएम ने सोशल मीडिया पर विशेष ध्यान देने को कहा है। चूंकि बीते दोनों आंदोलन को भड़काने में सोशल मीडिया का बड़ा हाथ रहा, इसलिए सरकार इस बार कोई रिस्क नहीं लेना चाहती।

अन्य राज्यों के किसान भी हो सकते हैं शामिल
किसान आंदोलन में मप्र से सटे राज्यों के किसान भी इस आंदोलन में शामिल हो सकते है और हालात बिगड़ सकते है। गौरतलब है कि सरकार और इंटेलिजेंस द्वारा स्थिति को भांपते हुए मंदसौर, नीमच, इंदौर, धार, उज्जैन, देवास, शुजालपुर, आगर-मालवा, रतलाम, खंडवा, खरगौन, भोपाल, विदिशा, सीहोर, राजगढ़, रायसेन, होशंगाबाद, हरदा और सबसे ज्यादा संवेदनशील नरसिंहपुर जिले को मानते हुए अलर्ट जारी कर दिया गया है।

उज्जैन संभाग में व्यापक पुलिस बल लगाने की तैयारी
चूंकि पिछली बार भी इनमें से अधिकतर जिलों में हालात बेकाबू हो गए थे। इधर किसान आंदोलन और आमसभा के दौरान किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए इंदौर उज्जैन संभाग में पुलिस ने व्यापक बल लगाने की तैयारी की है। इसके अलावा पूर्व में किसान आंदोलन के दौरान सक्रिय पाए गए लोगों को भी चिन्हित कर निगरानी में लिया है।

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