मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने की घोषणा, छत्तीसगढ़ में मछुआ नीति को अगले कैबिनेट में मिलेगी मंजूरी
रायपुर। छत्तीसगढ़ की मछुआ नीति को कैबिनेट की अगली बैठक में मंजूरी दी जाएगी। राज्य में मछलीपालन को पहले से ही कृषि का दर्जा दिया गया है। इस नीति के तहत मछलीपालन करने वाले लोगों को किसानों के जैसे बिना ब्याज का ऋण और बिजली शुल्क में छूट दी जा रही है। मछुआ नीति आने से प्रदेश में निषाद केंवट समाज के लोगों का आर्थिक विकास होगा।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बताया किेमछुआ नीति का प्रारूप तैयार कर लिया गया है। मुख्यमंत्री ने राजधानी के सरदार बलबीर सिंह जुनेजा इंडोर स्टेडियम में आयोजित छत्तीसगढ़ निषाद केंवट समाज के नवनिर्वाचित पदाधिकारियों के शपथ ग्रहण समारोह में यह घोषणा की।
उन्हाेंने कहा कि समाज के लोगों के हित में राज्य सरकार द्वारा नीति बनाई जाती है, लेकिन इसका अधिक से अधिक लोगों को लाभ दिलाने का दायित्व समाज का है। उन्होंने संसदीय सचिव एवं निषाद केंवट समाज के नवनिर्वाचित अध्यक्ष कुंवर सिंह निषाद के आग्रह पर निषाद केंवट समाज के भवन निर्माण के लिए एक करोड़ रुपये की राशि की स्वीकृति की घोषणा की।
मुख्यमंत्री ने नवनिर्वाचित पदाधिकारियों को शपथ दिलाई और नई जिम्मेदारी मिलने पर पदाधिकारियों को बधाई और शुभकामनाएं दीं। कार्यक्रम में कृषि एवं जल संसाधन मंत्री रविन्द्र चौबे, खाद्य एवं संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत, संसदीय सचिव कुंवर सिंह निषाद और शकुंतला साहू, छत्तीसगढ़ राज्य मछुआ कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष एमआर निषाद, छत्तीसगढ़ खनिज विकास निगम के अध्यक्ष गिरीश देवांगन मौजूद रहे।