मुख्यमंत्री ने तरल खाद बनाकर जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए समूह के कार्य की सराहना की
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने बालाछापर गौठान का किया निरीक्षणमुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज भेंट-मुलाकात अभियान के दौरान जशपुर विधानसभा क्षेत्र के बालाछापर गौठान का निरीक्षण कर स्व- सहायता समूह शेड, गौठान में स्थापित तेल, आटा चक्की एवं धान कुटाई मशीन का अवलोकन किया। उन्होंने गौठान परिसर के 800 हेक्टेयर में निर्मित स्व-सहायता समूह के उद्यान का भी अवलोकन किया। मुख्यमंत्री के गौठान पहुंचने पर महिलाओं ने तिलक लगाकर, आरती उतारकर और सूत की माला पहनाकर परंपरागत तरीके से स्वागत किया। मुख्यमंत्री ने निरीक्षण के दौरान गौठान परिसर में कदंब का पौधा लगाया और लोगों को पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया।
कदंब का पौधा लगाकर पर्यावरण संरक्षण का दिया संदेश
मुख्यमंत्री ने गौठान परिसर में राधा रानी स्व-सहायता समूह द्वारा संचालित बायोफर्टिलाइजर यूनिट का अवलोकन किया और तरल खाद बनाकर जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए समूह कार्य की सराहना की। अधिकारियों ने अवगत कराया कि गोबर गोमूत्र तथा गुण का प्रयोग कर बायो कंपोस्टिंग तरल जैविक खाद बनाया जाता है यह तरल जैविक खाद न केवल भूमि की उर्वरा शक्ति को बढ़ाता है। भूमि में कार्बन के तत्व को बढ़ाता है और खेतों में खरपतवार को नहीं होने देता। यह तरल जैविक खाद फसलों को नुकसान पहुंचाने वाले कीटाणुओं को भी नष्ट करता है। इस तरल जैविक खाद से भूमि को 50-88 प्रकार के माइक्रो तत्व मिलते हैं। इस खाद के प्रयोग से भूमि में हर साल कार्बन तत्व की मात्रा 0.25 से 0.5 प्रतिशत तक बढ़ सकती है। यूनिट से एक गाय के गोबर और गोमूत्र से रोजाना 200 लीटर तक तरल खाद बन सकती है। इससे किसान प्रतिदिन 200 रुपये कमा सकते हैं।
0.5 प्रतिशत तक बढ़ सकती है
मुख्यमंत्री ने गौठान में बकरी पालन और मुर्गी पालन गतिविधियों का जायजा लिया। स्व-सहायता समूह की महिलाओं ने बताया कि वे कड़कनाथ नस्ल और देशी नस्ल की मुर्गा-मुर्गी का पालन का कार्य कर रहे हैं। मुर्गीपालन से उन्हें अब तक 30 हजार से अधिक की आमदनी हुई है। मुख्यमंत्री ने स्व-सहायता समूह की महिलाओं द्वारा संचालित बाड़ी का अवलोकन भी किया। उन्होंने इस दौरान महिलाओं को अच्छी गुणवत्ता की लौकी के उत्पादन, उसके बेहतर रंग और वृद्धि के लिए टिप्स भी दिए। महिलाओं ने बताया कि उद्यान विभाग के अधिकारियों के मार्गदर्शन में करेला, बरबट्टी, लौकी, तोरई, भिंडी, पपीता आदि का रोपण किया गया है।
यूनिट से एक गाय के गोबर और गोमूत्र से रोजाना 200 लीटर तक तरल खाद बन सकती है
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने गौठान में स्व-सहायता समूह की महिलाओं द्वारा संचालित तेल पेराई यूनिट का अवलोकन किया और व्यव्साय विस्तार के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने समूह की महिलाओं से तिलहन फसलों से तेल निकालने और उनकी बिक्री के बारे में जानकारी ली।
समूह की महिलाओं ने अपने हाथों से तेल पराई मशीन से तैयार तेल मुख्यमंत्री को भेंट कियासमूह की महिलाओं ने अपने हाथों से तेल पराई मशीन से तैयार तेल मुख्यमंत्री को भेंट किया। निरीक्षण के दौरान विधायक श्री यू.डी. मिंज, श्री विनय कुमार भगत सहित पंचायत प्रतिनिधि उपस्थित थे।