चीफ जस्टिस रंजन गोगोई को यौन उत्पीड़न मामले में मिली क्लीन चिट
— जांच समिति ने कहा चीफ जस्टिस रंजन गोगोई के खिलाफ कोई सबूत नहीं
दिल्ली। सोमवार को सुप्रीम कोर्ट की जांच समिति ने चीफ जस्टिस रंजन गोगोई को यौन उत्पीड़न मामले में मिली क्लीन चिट दी है। समिति ने कहा कि चीफ जस्टिस गोगोई के खिलाफ कोई सबूत नहीं है। समिति ने शिकायत को खारिज कर दिया हैं। जांच समित ने यह भी कहा कि जांच के अंश नियम 2003 के तहत सर्वजानिक नहीं किए जाएंगे।
गौरतलब है कि सुप्रीम कोट चीफ जस्टिस रंजन गोगोई पर कुछ समय पहले कोर्ट की पूर्व कर्मचरी महिला ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था। इस महिला ने सुप्रीम कोर्ट के 22 जजों को शपथ पत्र भेंज की सीजेआई पर यौन शोषण के आरोप लगाए थे। इन शपथ पत्रों को सर्वजानिक होने के बाद सुप्रीम कोर्ट की जांच समिति ने मामले की जांच की और निर्णय किया। जांच समित में जस्टिस एसए बोबडे जस्टिस इंदु मल्होत्रा और इंदिरा बनर्जी शामिल थे।
सीजेआई रंजन गोगोई ने कहा कि उन यौन उत्पीड़न के आरोप बेबुनियाद लगाए गए। जो लोग इसमें शामिल है वो पहले ही जेल में थे। उन्होंने साजिश के तहत ऐसा किया है। गोगोई ने यह भी कहा कि 20 साल की सेवा में उनके पास कुल छह लाख के करीब पैसा है, इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि उन्होंने अपनी सेवाएं किस तरह से कोर्ट को दी है। उन भाष्ट्राचार के आरोप नहीं लगाए जा सकते थे इसलिए इस तरह का आरोप लगाकर दबाव बनाने की कोशिश की गई। इससे पहले जब गोगोई पर आरोप सर्वजानिक हुआ था जब उन्होंने कहा कि वे कई महत्वपूर्ण मामलो की सुनवाई करने वाले है ऐसे में उन पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाना साजिश ही है।