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तिवारी कुनबे के सपाई होने पर मंत्री ब्रजेश पाठक बोले-माफियावादी पार्टी होना चाहिए समाजवादी पार्टी का नाम

लखनऊ। समाजवादी पार्टी में रविवार को गोरखपुर के पंडित हरिशंकर तिवारी के पुत्रों पूर्व सांसद कुशल व विधायक विनय तिवारी के समाजवादी पार्टी में शामिल होने पर कैबिनेट मंत्री ब्रजेश पाठक ने तीखी प्रतिक्रिया दी। पाठक ने लखनऊ में कहा कि समाजवादी पार्टी के मूल में ही माफियावाद, अराजकतावाद, अपराधवाद और भ्रष्टाचारवाद शामिल है। जो गुण मूल में होते हैं वह बदलते नहीं हैं।

योगी आदित्यनाथ सरकार में विधि एवं न्याय तथा ग्रामीण अभियंत्रण मंत्री ब्रजेश पाठक ने पूर्वांचल के माफिया, गोरखपुर के गोरखनाथ थाने के हिस्ट्रीशीटर एवं पूर्व मंत्री हरिशंकर तिवारी के कुनबे विधायक विनय शंकर तिवारी, पूर्व सांसद भीष्म शंकर उर्फ कुशल तिवारी व विधान परिषद के पूर्व सभापति गणेश शंकर पाण्डेय के रविवार को समाजवादी पार्टी में शामिल होने पर कड़ी प्रतिक्रिया दी। पाठक ने कहा कि हरिशंकर तिवारी और उनके कुनबे के इतिहास और कारनामों से जनता भली-भांति वाकिफ है। पूर्वांचल में इस परिवार के आवास को जिस हाता के नाम से जाना जाता है, उसे लोग अपराध की नर्सरी भी समझते रहे हैं। उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के पहले तक यह परिवार गोरखपुर और आसपास के जिलों में सत्ता संरक्षित अपराध उद्योग का बोर्ड ऑफ डायरेक्टर हुआ करता था। सरकारी ठेकों में हस्तक्षेप से कमाई भी इनका धंधा था। योगी आदित्यनाथ सरकार में अन्य माफिया की तरह अब इनकी भी हेकड़ी गुम है। ब्रजेश पाठक ने आगे कहा कि यही कारण है कि समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को अपनी पार्टी की पुरानी परिपाटी के मुताबिक अपराधी व माफिया ही पसंद हैं। वास्तव में समाजवादी पार्टी का नाम माफियावादी पार्टी हो जाना चाहिए।

ब्रजेश पाठक ने कहा कि पूर्व में इस कुनबे की तरफ से किए गए एक बड़े बैंक घोटाले का खुलासा इस सरकार में हुआ है जिस पर कानून अपना काम कर रहा है। बैंक ऑफ इंडिया समूह के 750 करोड़ रुपये समेत अलग अलग बैंकों से लोन के नाम पर 1100 करोड़ रुपये गटक जाने वाले इस परिवार की कम्पनी गंगोत्री इंटरप्राइजेज के खिलाफ सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की छापेमारी हो चुकी है। दोनों केंद्रीय संस्थाओं की तरफ से विधायक विनय शंकर तिवारी समेत पूरे परिवार के खिलाफ धोखाधड़ी व मनी लांड्रिंग मुकदमा दर्ज किया गया है, जांच जारी भी है। पाठक ने कहा अपने इन कारनामों को छिपाने के लिए यह माफिया चाहे किसी भी दल में जाकर पनाह मांगें, केंद्र व यूपी सरकार किसी भी अपराधी को जनता की गाढ़ी कमाई हड़पने नहीं देगी।

अखिलेश यादव के हर काम का श्रेय लेने की आदत पर ब्रजेश पाठक ने कहा पार्टी का नाम ही नहीं, अखिलेश को भी अपना नाम बदल कर श्रेय यादव रख लेना चाहिए। पाठक ने कहा कि 2017 में जनता के बुरी तरह नकारे गए अखिलेश यादव की आज की स्थिति पर तरस आता है। अतीक अहमद तथा मुख्तार अंसारी जैसे माफिया की पैरवी करने वाले अखिलेश यादव अपराधियों पर योगी आदित्यनाथ सरकार की सख्ती से सबक लेने की बजाय पूर्वी उत्तर प्रदेश के कुछ माफिया हो को अपना हमराह बना रहे हैं। माफिया पर नकेल सरकार कस रही है और माफियावादी पार्टी को दोबारा सबक सिखाने के लिए जनता भी बेकरार है।

ब्रजेश पाठक ने कहा कि विधानसभा चुनाव के पहले माफिया की फौज खड़ी कर अखिलेश यादव मुख्यमंत्री बनने का ख्वाब देख रहे हैं लेकिन उन्हें एकबार 2017 का चुनाव परिणाम भी याद कर लेना चाहिए जब उनकी सरकार की पोषित माफियागीरी से त्रस्त होकर जनता ने उन्हें कुर्सी से उठाकर फेंक दिया था। जनता को 2017 से योगी आदित्यनाथ सरकार में अपराध व गुंडागर्दी से मुक्ति मिली है। ऐसे में अखिलेश लाख माफिया-अपराधियों को अपनी साइकिल पर बैठा लें, अब माफियावादी सरकार बनाने की उनकी मंशा पूरी नहीं होने वाली।

उन्होंने कहा कि सपा अपने नारे को संशोधित कर लें, क्योंकि यह वही सपा है, जो मुख्तार अंसारी के साथ है। यह वही सपा है, जो आतंकवादियो की पैरवी करती थी। यह वही सपा है, जिसके अपराधी पुलिस अधिकारियों को कार के बोनट पर घुमा कर बेइज्जत करते थे। ब्रजेश पाठक ने अखिलेश यादव यादव की उस टिप्पणी का माखौल उड़ाया, जिसमें उन्होंने कहा कि कहीं सरकार का बुलडोजर सपा की तरफ न मुड़ जाए। प्रदेश सरकार के वरिष्ठ मंत्री ने कहा यह तो अच्छी बात है कि अखिलेश यादव बुलडोजर से डरते हैं, लेकिन इस बार उन्हें जनता के बुलडोजर से डर लगना चाहिए, जो उन्हें चुनाव में ध्वस्त करने के लिये तैयार है।

अखिलेश यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश में पहले गरीबों को राशन बांटने का कार्यक्रम नवंबर तक था और अब इन्होंने मार्च तक कर दिया है। यह मार्च तक इसलिए किया गया, क्योंकि यह जानते हैं कि मार्च के बाद इनकी सरकार चली जाएगी। उन्होंने कहा कि योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री इसलिए बनाए गए थे कि उत्तर प्रदेश का विकास हो, लेकिन साढ़े चार साल में उत्तर प्रदेश में भेदभाव, जाति और धर्म को देखकर काम हुआ। जिस तरह अंग्रेजों ने डिवाइड और रूल करके राज किया, उसी तरह आज भाजपा डरा कर और लोगों को मारकर राज करना चाहती है।

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