समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव से मिले लालजी वर्मा व रामअचल राजभर, बसपा में खलबली
लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में भारतीय जनता पार्टी के निषाद पार्टी तथा अपना दल के साथ गठबंधन की औपचारिक घोषणा के बीच में ही समाजवादी पार्टी ने भी शुक्रवार को बड़ा बम फोड़ा है। बहुजन समाज पार्टी से निष्कासित पूर्व मंत्री तथा विधायक लालजी वर्मा व रामअचल राजभर ने शुक्रवार को दिन में समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव से भेंट की। इसके बाद अखिलेश यादव ने फोटो को ट्वीट कर भले ही इसको शिष्टाचार भेंट बताया है, लेकिन बहुजन समाज पार्टी के खेमे में खलबली मच गई है।
बहुजन समाज पार्टी ने पूर्व कैबिनेट मंत्री लालजी वर्मा के साथ ही रामअचल राजभर को अक्टूबर 2020 में पार्टी विरोधी गतिविधियों के कारण बाहर का रास्ता दिखा दिया था। इसके बाद बीती जून में लालजी वर्मा के साथ रामअचल राजभर के समाजवादी पार्टी में शामिल होने की चर्चा ने जोर पकड़ा। बसपा के कुछ और विधायकों ने बगावती तेवर दिखाया तो उनको भी निलंबित कर दिया गया।
राम अचल राजभर अकबरपुर से पांच बार विधायक चुने गए हैं। राजभर बड़े कद वाले नेता हैं। मायावती सरकार में कैबिनेट मंत्री भी रहे हैं। बसपा के प्रदेश अध्यक्ष और राष्ट्रीय महासचिव भी रहे हैं। वहीं लालजी वर्मा रसूखदार नेता रहे हैं। लालजी वर्मा भी राम अचल राजभर की तरह बसपा सरकार में मंत्री रहे हैं। इसके अलावा बसपा सरकार में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी निभाते रहे हैं।
सितंबर में अब एक बार फिर अम्बेडकर नगर के कटहरी से विधायक लालजी वर्मा और अम्बेडकर नगर के ही अकबरपुर से विधायक रामअचल राजभर फिर चर्चा में हैं। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव के साथ शुक्रवार की इनकी भेंट ने उत्तर प्रदेश के राजनीतिक गलियारे में खलबली मच गई है। माना जा रहा है कि बसपा को एक और बड़ा झटका लगने की प्रबल संभावना है। बसपा के विधानमण्डल दल के नेता लाल जी वर्मा के साथ ही कैबिनेट मंत्री रहे रामअचल राजभर के अखिलेश यादव के सम्पर्क में आने के बाद इनके समाजवादी पार्टी में शामिल होने की संभावना जताई जा रही है। दोनों ही बसपा की स्थापना के समय से पार्टी में रहे हैं। मायावती ने इन दोनों नेताओं को बसपा से बाहर कर दिया था।