बॉर्नवीटा का एक्जाम विज्ञापन देखा क्या? नहीं देखा तो देखों….
-जो टीव्ही के मेन कंटेंट में होना चाहिए वो विज्ञापन कर रहें
(राखी नंदवानी)
टीव्ही पर जिस तरह के कंटेंट दिखाए जा रहे है उससे परिवार के साथ देखना तो मुमकिन नहीं है वहीं कुछ भी ऐसा नहीं है तो जीवन को नई दिशा दें या फिर समाज की सोच में कुछ हद तक बदलाव ला सकें, जो काम हमारे टीव्ही कंटेंट को करना चाहिए वो अब विज्ञापन कर रहे हैं…आपने बॉर्नवीटा का एक्जाम विज्ञापन देखा क्या नहीं तो जरूर देखें,इसलिए नहीं कि बॉर्नवीटा खरीदना है,बल्कि इसलिए देखिए क्योंकि आपके बच्चें आपसे कुछ बोल रहें जो आप सालो से समझ ही नहीं रहें…शायद इस विज्ञापन को देखेंने के बाद आपकी सोच बदल जाए।
हर साल मार्च,अप्रैल, मई माह में परीक्षा का समय होता है। बच्चों पर सबसे अच्छा प्रर्दाशन करना का दबाव बढता है। माता—पिता अपने बच्चों पर दबाव बनाते है कि वर्मा जी का लडका बीते साल 85 फीसदी अंक लाया था,तुम इस साल उससे अधिक 90 फीसदी से कम नहीं लाना तभी वर्मा जी को पता चलेगा कि हमारा लडका कितना बुद्विमान है और उनके सामने हम सीना तान कर चलेंगें। अब बिचारे आपका बच्चा पूरे दबाव में है कि 90 फीसदी से अधिक अंक नहीं आए तो उसका घर मे जीना दुर्भर कर दिया जाएगा और वह दुनिया का सबसे नकारा बच्चा घोषित होगा जो आंतकवादी घोषित होने से भी बडा बदनामी भरा होगा। बच्चें की क्षमता हो या न हो वो लगा रहता है और एक दिन जब उससे दबाव मेनेज नहीं होता तो वह इस दुनिया को ही अलविदा कह देते है। उस समय माता पिता को लगता है कि बच्चें ने गलती की।
नहीं जी बच्चें ने गलती नहीं की…
बच्चा तो अपना जीवन अपनी क्षमताओं और समझ से जीने के लिए इस दुनियां में आता है पर आप माता पिता उसे वर्मा जी के लडकें की तरह डॉक्टर, इंजीनियर, पायलेट, बैंकर ओर पता नहीं क्या-क्या बनाने पर तुल जाते है, जिसके लिए उसे हर साल वर्मा जी और शर्मा जी के लडके से अधिक अंक लाने का दबाव बनाया जाता है। बच्चें से पूछते ही नहीं कि उसे क्या बनना है उसका मन क्या करना चाहता उसकी दिलचस्पी क्या करने में है उसके अंदर क्या कला पनप रही हैं। यह सब माता -पिता को पूछने की फुरर्सत नहीं, उन्होंने ने तो तय कर लिया कि उनका बच्चा डॉक्टर, इंजिनियार या बडा बिजनेसमैन बनेगा।
-कुछ बच्चों का जीवन बचाया जा सकें
बॉर्नवीटा का विज्ञापन बहुत खूबसूरती से बताता है कि जिस तरह एक रंग और माप की टीशर्ट सबको नहीं आ सकती उस तरह सब एक तरह के नहीं हो सकते हैं। सब बच्चें डाूक्टर, इंजीनियर नहीं बन सकते हैं। बॉर्नवीटा इस तरह के विज्ञापन बनाता रहा है। बीते वर्ष भी बॉर्नवीटा ने परीक्षा से जुडा विज्ञापन विडियो पोस्ट किया था,इस साल हाल ही बॉर्नवीटा ने नया विज्ञापन विडियों बनाया है। आपने बहुत वयस्त समय से कुछ समय निकाल कर यह विज्ञापन देंखें…। शायद कुछ बच्चों का जीवन बचाया जा सकें।