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मध्यप्रदेश में भाजपा की सरकार, तो दो गुना मिला यूरिया

मध्यप्रदेश। प्रदेश को गत वर्ष की तुलना में इस बार 2 गुना से अधिक यूरिया प्राप्त हुआ है। गत वर्ष भारत सरकार से इस अवधि तक 3.08 लाख मीट्रिक टन यूरिया मिला था, जबकि इस वर्ष अभी तक 6.09 लाख मीट्रिक टन यूरिया प्रदेश को प्राप्त हो गया है। अब यदि खाद के लिए मारामारी होती है तो खाद की वितरण प्रणाली पर भी सवाल खडे होंगे।
गौरतलब है कि प्रदेश में सहकारी क्षेत्र में 4800 विक्रय केन्द्र बनाए गए हैं, जहां से सहकारी समितियों, विपणन संघ, एम.पी. एग्रो के माध्यम से किसानों को यूरिया का नगद वितरण किया जा रहा है। इस वर्ष प्रदेश में सहकारी एवं निजी क्षेत्र में यूरिया के वितरण का अनुपात 70:30 रखा गया है।किसानों को यूरिया का प्रदाय पीओएस मशीन द्वारा किया जा रहा है। इसके अलावा भारत सरकार द्वारा ‘बायोमेट्रिक स्कैनर डिवाइस’ एवं ‘एंड्राइड मोबाइल एप’ के माध्यम से भी यूरिया के प्रदाय का विकल्प दिया गया है।
17 लाख 98 हजार मीट्रिक टन का लक्ष्य गत वर्ष प्रदेश में सर्वाधिक 17 लाख 98 हजार मीट्रिक टन यूरिया का उपयोग किया गया था। इसी को आधार मानकर इतनी ही मात्रा में इस वर्ष किसानों के लिए यूरिया की व्यवस्था की जा रही है।
27 प्रतिशत अधिक वितरण
गत वर्ष की तुलना में इस वर्ष प्रदेश में किसानों को यूरिया का 27 प्रतिशत अधिक वितरण किया गया है। गत वर्ष इस अवधि तक किसानों को 3.07 लाख मीट्रिक टन यूरिया वितरित किया गया था, जबकि इस वर्ष अभी तक 3.91 लाख मीट्रिक टन यूरिया वितरित किया जा चुका है।
माह नवंबर के लिए 7 लाख 3 हजार मीट्रिक टन का आवंटन
इस वर्ष प्रदेश को भारत सरकार द्वारा माह नवंबर के लिए 7 लाख 3 हजार मीट्रिक टन यूरिया का आवंटन प्रदाय किया गया है, जिसमें स्वदेशी यूरिया 2 लाख 30 हजार मीट्रिक टन एवं आयातित यूरिया 4 लाख 73 हजार मीट्रिक टन है।

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