BIHAR POLITICS : बिहार की राजनीति में फिर आई गर्माहट
– मांझी के टवीट तलाशे जा रहे है मायने
बिहार। देश का बिहार वह राज्य जहां की सियासत देश में नई सियासत को जन्म देती रही है। बीते महीनों ही बिहार में हुए विधान सभा चुनावों में एनडीए सत्ता में आया है पर घटक दलों में इस सब कुछ ठीक नहीं है। एनडीए में इस आवाम मोर्चा भी एक घटक दल है। उसके नेता जीतन राम मांझी ने एक टवीट किया है। उनके इस टवीट के बाद से ही बिहार की सियासत में हलचल मची हुई सियासी गलियारों में उनके टवीट के मतलब निकाले जा रहे है।
गौरतलब है कि बिहार के राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में शामिल हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने इशारों में ही सही सरकार में शामिल भारतीय जनता पार्टी पर बड़ा हमला किया है। जीतन राम मांझी ने एक तरफ इशारों ही इशारों में बीजेपी पर हमला बोला तो दूसरी तरफ राष्ट्रीय जनता दल नेता व विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव को बिहार का भविष्य बताया। उनके दो ट्वीट क्या बिहार में बदलते राजनीतिक समीकरण की ओर भी इशारा कर रहे हैं बिहार की सियासत और सत्ता में कोई बदलाव देखने को मिलेगे यह तो आगामी समय में पता चल सकेगाय पर इस समय बिहार की सियासत में गर्माहट आ गई है।
समझिए मांझी का इशारा
बिहार में आवाम पार्टी के नेता जीतनराम मांझी ने एक ट्वीट में उन्होंने लिखा है कि नीतीश कुमार से राजनीति में गठबंधन धर्म को निभाना सीखा जा सकता है। किसी का नाम लिए बिना उन्होंने आगे लिखा है कि गठबंधन में शामिल दलों के आंतरिक विरोध और साजिशों के बावजूद भी उनका सहयोग करना नीतीश कुमार की राजनीतिक महानता है। मांझी ने आगे नीतीश कुमार के इस जज्बे को सलाम किया है श्री मांझी द्वारा नीतिश कुमार की तारीफ और भाजपा की कुटाई की गई है। ऐसे में माना जा रहा है कि बिहार में एनडीए के भी सबकुछ ठीक तो नहीं चल रहा है।
कहीं बैचेनी तो नहीं
एनडीए में शामिल सियासी दलों में कुछ समय से बैचेनी दिखाई दे रही हैए इसकी एक वजह तो देश में हो रहा किसान आन्दोलन हैए कहीं न कही क्षेत्रीय दलों की सियासत गरीब मजदूरए किसानों की समस्याओं के समाधान के आसपास ही घूमती नजर आती हैए यही लोग क्षेत्रीय दलों का मुख्य जनाधार हैए और किसानों का एक बहुत बडा तबका इस समय एनडीए गठबंधन की केन्द्र की सरकार से नाराज हैए ऐसे में क्षेत्रीय दलों को अपना जनाधार बचाने का संकट खडा हो गया हैए तो वहीं भाजपा ने अरूणा चल प्रदेश में जदयू के छह विधायकों को शामिल कर लिया हैए ऐसे में भाजपा की विलय नीति का डर अन्य क्षेत्रीय दलों को भी सताने लगा है।