BIHAR ELECTION : बिहार का चुनाव गठबंधन के सहारे
बिहार। बिहार चुनाव में प्रचार का बिगुल बज चुका है, जहां बिहार में चार गठबंधन प्रमुखता से सामने आ चुके हैं और धुंआधार तरीके से प्रचार प्रसार में जुट गए हैं। पहला गठबंधन है एनडीए जो वर्तमान में सत्ता में है, दूसरा गठबंधन आरजेडी है, जो मुख्य विपक्ष की भूमिका निभा रहा था पर चुनाव आते आते दो गठबंधन और सामने आ गए हैं। इस कारण से बिहार चुनाव और कशमकश भरा हो गया।
दो और गठबंधन इस चुनाव में मैदान में उतर गए हैं। इन गठबंधनों ने दोनों ही प्रमुख गठबंधनों को मुश्किल में डाल दिया है। इसमें पप्पूयादव की जनअधिकार पार्टी और चंदशेखर रावण की आजाद समाज पार्टी एवं अन्य छोटे दल इस गठबंधन में शामिल होकर चुनाव लड रहे हैं। दूसरी ओर बहुजन समाज पार्टी और आरएलएसपी सहित अन्य दलों का एक और गठबंधन चुनाव मैदान ताकत साथ अपना भाग्य आजमा रहा है। बिहार में अब कुल चार गठबंधन चुनावी समर में और ऐसा भी नहीं चारों गठबंधनों का अपना अपना जनाधार है।
– वोटों का होगा सामाजिक बंटवारा
बिहार चुनाव में वोटों का सामाजिक बंटवारा होना तय हो गया है, जहां एनडीए का अपना परंपरागत वोट हैं, वहीं उनके साथ जीतनराम मांझी साथ हो गए है, उनके समाज के वोटों में वह सेंध लगा सकते हैं। दूसरी तरपफ आरजेडी के पास हमेशा से यादव , मुस्लिम वोटों के अलावा अन्य पिछडी जातियां उनके साथ रही है, अगडी जातियों को आरजेडी ने इस बार कई स्थानों पर उम्मीदवार बनाया है, इस लिए आरजेडी गठबंधन का दावा बहुत मजबूत माना जा रहा है, इसका असर उनकी रैलियों में देखा जा रहा है।
– कमजोर समझा तो घाटे का सौदा
बिहार चुनाव में दो और गठबंधन चुनाव के मैदान उतरे हुए है, बहुजन समाज पार्टी के गठबंधन में बहुजन समाज पार्टी के पास कैडर वोट है, जो हर हाल में उसे मिलता है। उपेन्द्र कुशवाहा और ओवेसी के साथ आने के कारण यह गठबंधन में अजा पिछडा और मुस्लिम वर्ग का सामूहिक नेतत्व हो गया है। इसके बाद पप्पू यादव और चंद्रशेखर का गठबंधन भी नई चुनौती पेश कर रहा है। इस बार चाहे लॉकडाउन का समय हो या बाढ का पप्पू यादव गरीबों की आवाज बने और मदद भी की, चंद्रशेखर रावण इस समय देश में पीडितों की आवाज बुलंद कर रहे है। ऐसे में कुछ सीटों पर इन दोनों गठबंधनों की दावेदारी भी मजबूत मानी जा रही है। यह तो वक्त बताएगा कि कौन से गठबंधन को जनता सत्ता की चाबी सौपने वाली है।