सावधान : सोशल साइट पर निजी डाटा शेयर करने से खतरा, जानें कहां-कहां हैं आपकी निजी जानकारियां, ऐसे बचें साइबर धोखाधड़ी से
ट्राई चेयरमैन ने हाल ही में अपना आधार नंबर सार्वजनिक करते हुए ये चुनौती दी थी कि कोई भी उनका डाटा लीक करके दिखाए। इसके बाद फ्रांस के हैकर ने उनकी कई जानकारियां सार्वजनिक कर दी थीं। हिंदुस्तान ने साइबर क्षेत्र से जुड़े जानकारों से जब इस बारे में बातचीत की तो और कई चौंकाने वाली जानकारियां सामने आई।
जानकारों के मुताबिक, आपकी तमाम जानकारियां या कहें निजी डाटा पहले से ही इंटरनेट और सोशल मीडिया के जरिये लोगों के बीच में मौजूद हैं। इन्हीं जानकारियों से हैकर आम लोगों को अपना शिकार बनाते हैं। ऐसे में जरूरत है कि आप इन वेबसाइट पर अपनी निजी जानकारियां सुरक्षित रखें ताकि ऐसे लोगों का शिकार होने से बचा जा सके।
तमाम लोग फेसबुक, ट्विटर या लिंक्डइन जैसी सोशल साइट पर अपने मोबाइल नंबर, ई-मेल और जन्मतिथि लिख देते हैं। इनके जरिए आसानी से हैकर लोगों को निशाना बना सकते हैं। ट्राई चेयरमैन आरएस शर्मा की तरह कोई इन तीन चीजों के जरिये किसी भी व्यक्ति का फ्रीक्वेंट फ्लायर नंबर जाना जा सकता है।
मोनिक मेहरा, साइबर मामलों के जानकार
ट्राई चेयरमैन की हैकर ने ऐसे उड़ाई जानकारियां
इन तीन जानकारियों के जरिये ही एयर इंडिया की वेबसाइट से चैट विकल्प के जरिए ट्राई चेयरमैन का फ्रीक्वेंट फ्लायर नंबर पता किया गया था। समय समय पर सोशल मीडिया पर लोकेशन अपडेट करते रहने या ऑटो अपडेट इस्तेमाल से लोग ट्रैक कर सकते हैं आपकी मूवमेंट। इसके आधार पर जब कभी भी आप सपरिवार घर से बाहर होंगे या ऐसी कोई तस्वीर सोशल मीडिया पर अपलोड की जिसके अपके घर में किसी के न होने का आभास होगा तो उसे देखकर आपके सोशल मीडिया प्रोफाइल से कोई संदिग्ध व्यक्ति आपकी जानकारी पाकर आपके घर चोरी भी कर सकता है।
कहां-कहां हैं आपकी निजी जानकारियां
-सोशल साइट पर प्रोफाइल बनाते वक्त हम कई निजी बाते लिखते हैं। साइबर चोरों का गिरोह इन जानकारियों का बाकायदा डाटाबेस बनाते हैं और लोगों को अपना शिकार कर उन्हें नुकसान पहुंचाते हैं।
-लोकेशन, चेक-इन अपडेट के जरिए कोई भी व्यक्ति हम कहां है इस पर निगरानी रख सकता है। और मौका पाते हैं नुकसान पहुंचाया जा सकता है।
– कई इम्तिहानों के नतीजों के आंकड़े वेबसाइट पर मौजूद होते हैं जिनमें आपका मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी मौजूद होता है।
– भारी छूट के ऑफर के नाम पर कई वेबसाइट, एप्लीकेशन हमारी निजी जानकारियां मांगती हैं।
– नौकरी देने के नाम पर लोग मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी मांगते हैं। ऐसी जानकारियां मांगने वाले लोगों का गिरोह होता है जो चीजें इकट्ठा कर बेचते हैं।
कैसे बचें साइबर धोखाधड़ी से
– सोशल मीडिया प्रोफाइल पर जन्म तिथि में केवल महीना और तिथि लिखें। जन्म का साल प्राइवेसी सेटिंग से छुपा कर रखें।
– किसी के भी फोन या मैसेज करने पर बैंकिंग मामलों से जुड़ी जानकारियां न बांटें।
– अनजाने कॉल पर अकाउंट नंबर या मोबाइल पर आया ओटीपी कतई न बताएं।
– ऐसे अनजाने ईमेल पर ध्यान न दें जो नौकरी देने के बहाने आपकी निजी जानकारियां मांग रहे हों या फिर पैसा ट्रांसफर करने के नाम पर अकाउंट नंबर मांग रहे हों।
– अनजाने लोगों को सोशल मीडिया पर दोस्त न बनाएं। आपका दोस्त बनकर संदिग्ध लोग आपकी मूवमेंट ट्रैक कर आपको ठगी का शिकार बना सकते हैं।
बैंकिंग सुविधाओं में इस्तेमाल ईमेल और मोबाइल नंबर का सार्वजनिक इस्तेमाल न करें तो बेहतर
– इनकम टैक्स रिफंड दिलाने या पेनाल्टी के नाम पर संदेश या ईमेल ध्यान से देखें