एमबीबीएस का विकल्प हो सकते हैं आयुष डॉक्टर्स : डॉ पाण्डेय
ग्रामीण सुदूर अंचलों में स्थापित प्राथमिक व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर एमबीबीएस डॉक्टरों की कमी को आयुर्वेद बीएएमएस, होम्योपैथी बीएचएमएस व यूनानी बीयूएमएस डॉक्टरों से पूरी की जा सकती है । आयुष मेडिकल एसोसिएशन के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ राकेश पाण्डेय ने कहा कि प्रदेश समेत पूरे देश में जिस प्रकार से कोविड-19 में स्क्रीनिंग, सेंपलिंग, मोबाइल यूनिट आदि में आयुष डॉक्टरों ने एमबीबीएस डॉक्टरों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर अस्पतालों में काम किया है, उससे ये माना जा सकता है कि पीएचसी व सीएचसी स्वास्थ्य केंद्रों पर ये डॉक्टर्स सेवायें देने में सक्षम हैं। हलॉकि कमिश्नर आयुष मध्यप्रदेश डॉ एमके अग्रवाल इसके लिये प्रयासरत रहे हैं परंतु वृहद स्तर पर अभी भर्तियां नहीं हुई हैं। राज्य सरकार को भी चाहिये कि त्वरित रूप से पांच हजार आयुष डॉक्टरों की भर्तियां प्रदेश में करे ताकि जनमानस स्वास्थ्य सुविधा से वंचित न रहे। डॉ पाण्डेय ने कहा कि अभी भी ग्रामीण सुदूर अंचलों में आयुष डॉक्टरों ने ही पचास फीसदी से ज्यादा स्वास्थ्य व्यवस्थायें संभाल रखी हैं। सरकार द्वारा भी प्रदेश के तीस हजार से भी ज्यादा आयुष डॉक्टरों को चिकित्सा की मुख्य धारा में लाना जरूरी है। आगे डॉ पाण्डेय ने कहा कि सरकार को अब कोरोना के अलावा भी विभिन्न रोगियों व अस्पतालों के संचालन का सोचना चाहिये।