क्रिकेट इतिहास के 140 साल में सबसे खराब प्रदर्शन कर वापस वतन लौटे कंगारू
बदलाव प्रकृति का नियम है और यह एक सार्वभौमिक सच्चाई है। दुनिया में हर चीज को बदलाव के दौर से गुजरना पड़ता है। इस बदलाव के दौर से पांच बार क्रिकेट की विश्व विजेता रही आॅस्ट्रेलियाई टीम भी खुद को नहीं बचा सकी है। दक्षिण अफ्रीका में हुई बॉल टेम्परिंग की घटना के बाद आॅस्ट्रेलियाई क्रिकेट टीम क्रिकेट इतिहास के अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रही है। इंग्लैंड दौरे पर वनडे तथा टी20 में व्हाइटवॉश होने के बाद आॅस्ट्रेलियाई टीम अपने वतन वापस लौट आई है और इसके साथ ही टीम के इस शर्मनाम प्रदर्शन पर मंथन होने लगा है। कोच जस्टिन लैंगर ने वनडे और टी20 में टिम पेन को कप्तानी से हटाने के संकेत दिए हैं।
टिम पेन से छिन सकती है वनडे और टी20 की कप्तानी
इस बेहद ही मुश्किल दौर में आॅस्ट्रेलियाई क्रिकेट टीम को कोचिंग देने का साहसिक फैसला करने वाले पूर्व बल्लेबाज जस्टिन लैंगर ने शॉर्टर फॉर्मेट में टीम की कप्तानी में बदलाव के संकेत दे दिए हैं। उन्होंने साथ ही यह भी उम्मीद जताई है कि 2019 विश्व कप तक आॅस्ट्रेलियाई टीम इस बुरे दौर से उबर कर एक बार फिर चुनौती पेश करती हुई नजर आएगी। इंग्लैंड के खिलाफ पांच वनडे और एक टी20 मैच की सीरीज में व्हाइटवॉश के बाद लैंगर ने कहा, ‘हमें देखना होगा कि टिम पेन सफेद गेंद के साथ सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर पा रहे हैं या नहीं, अगर नहीं तो हमें दूसरे विकल्पों की ओर देखने की जरूरत है। हमें कई चीजों पर ध्यान देना है और उसके बाद हम जरूरी फैसले करेंगे।’
क्रिकेट इतिहास के 140 सालों में आॅस्ट्रेलिया का सबसे खराब प्रदर्शन
क्रिकेट इतिहास के 140 सालों में यह पहली बार है, जब ऑस्ट्रेलिया की टीम ने क्रिकेट के किसी भी फॉर्मेट में 0-5 से शिकस्त खाई हो। इन पांच वनडे मुकाबलों में कप्तान टिम पेन महज 36 रन ही बना सके और यह अब तक किसी भी ऑस्ट्रेलियाई कप्तान का सबसे खराब प्रदर्शन है। बॉल टेंपरिंग विवाद में स्टीव स्मिथ और डेविड वॉर्नर पर लगे 12 महीने के बैन के बाद टिम पेन को कप्तानी सौंपी गई थी और बतौर फुलटाइम कैप्टन इंगलैंड में उनकी यह पहली सीरीज थी। इस सीरीज में इंग्लैंड ने ना सिर्फ आॅस्ट्रेलिया का व्हाइटवॉश किया बल्कि नॉटिंघम में 481 रन बनाकर वनडे में सबसे बड़े स्कोर का विश्व कीर्तिमान भी बना दिया। अब देखना होगा कि क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया टिम पेन को कप्तानी से हटाता है तो फिर उनकी जगह किसे टीम की बागडोर सौंपी जाती है।