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अटल ने कहा था इंदिरा को दुर्गा या थी फेक न्यूज़? जानें सच्चाई

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी अब हमारे बीच नहीं हैं. गुरुवार को 93 साल की उम्र में दिल्ली के एम्स अस्पताल में उनका निधन हो गया. लेकिन उनके पीछे कई ऐसी बातें रह गई हैं जिन्हें समय-समय पर पूरा विश्व याद करता रहेगा.
ऐसा ही एक किस्सा है जो भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी से जुड़ा है. तमाम अखबारों और टीवी चैनलों पर समय दर समय कई बार यह बात दोहराई गई है कि अटल बिहारी वाजपेयी ने इंदिरा गांधी को दुर्गा कहकर संबोधित किया था. लेकिन सच ये है कि यह बात झूठी है, उन्होंने कभी भी इंदिरा को दुर्गा नहीं कहा. इस बात की पुष्टि उन्होंने खुद एक टीवी इंटरव्यू में की थी.

टीवी इंटरव्यू में जब उनसे पूछा गया कि क्या आपने इंदिरा गांधी को दुर्गा कहा था तो जवाब में उन्होंने कहा, ‘मैंने दुर्गा नहीं कहा, ये भी अखबार वालों ने छाप दिया और मैंने खंडन करता रह गया कि मैंने नहीं कहा, मैंने नहीं कहा. लेकिन लोगों ने कहा कि आपने कहा है, आपने कहा है.’

अपनी बात को जारी रखते हुए आगे उन्होंने कहा, ‘फिर इस पर बड़ी खोज हुई. श्रीमति पुपुल जयकर ने इंदिरा जी पर एक पुस्तक लिखी. इस पुस्तक में वो इस बात का उल्लेख करना चाहती थीं कि वाजपेयी ने इंदिरा जी को दुर्गा कहा है. वो मेरे पास आईं, मैंने कहा नहीं मैंने नहीं कहा है. मेरे नाम से छप गया था जरूर लेकिन मैंने कहा नहीं था. तब उन्होंने लाइब्रेरी में जाकर सारी किताबें खंगाल लीं और सारी कार्रवाईयां देख लीं, कहीं भी उन्हें ये वाक्या नहीं मिला. लेकिन अभी भी दुर्गा मेरे पीछे है.

फैलाया गया झूठ

1971 के अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा संसद में दिए हुए एक भाषण की अक्सर चर्चा की जाती है और यह कहा जाता रहा है कि इसमें उन्होंने तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को कथित तौर पर दुर्गा कहकर संबोधित किया था.

वर्ष 1971 में अटल बिहारी वाजपेयी विपक्ष के नेता थे और इंदिरा गांधी देश की प्रधानमंत्री. कहा जाता है कि अटल बिहारी वाजपेयी ने विपक्ष के नेता के तौर पर एक कदम आगे जाते हुए इंदिरा को ‘दुर्गा’ करार दिया. जिसका बाद में अटल जी ने खंडन कर दिया था.

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