क्या दिग्विजय को जानबूझकर नजरअंदाज कर रहे हैं राहुल गांधी?
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी मध्य प्रदेश में सत्ता के वनवास को खत्म करने के लिए पूरी एड़ी चोटी की जोड़ लगा रहा है. ग्वालियर-चंबल के दो दिवसीय दौरे के आखिरी दिन श्योपुर में राहुल ने प्रदेश में बड़े राजनीतिक संकेत दिए हैं. जिसके सियासी मायने निकाले जाने लगे हैं.
उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया का नाम तो लिया, लेकिन 10 साल तक राज्य के मुख्यमंत्री रहे दिग्विजय सिंह का जिक्र तक नहीं किया. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या राहुल जानबूझकर दिग्विजय को नजरअंदाज कर रहे हैं.
रैली में युवाओं से मुखातिब होते हुए राहुल ने कहा, आपने 15 साल से बीजेपी की सरकार को देख लिया. अब हमें काम का मौका दें, हमारे पास कमलनाथ जी का एक्सपीरियंस है और सिंधिया जी की ऊर्जा है. हम सब मिलकर मध्य प्रदेश के किसानों, युवाओं के लिए काम करेंगे. हमारी सरकार 24 घंटे आपके लिए काम करेंगी.
राहुल ने ज्योतिरादित्य सिंधिया के पिता और कांग्रेस के पूर्व दिग्गज नेता माधवराव सिंधिया को भी याद किया और कहा कि उन्होंने मध्य प्रदेश के लिए लगातार काम किया. उनके निधन से मध्य प्रदेश और देश के लोगों का बहुत नुकसान हुआ.
हालांकि इन सबके बीच राहुल गांधी दिग्विजय सिंह का किसी तरह का कोई जिक्र नहीं किया. जबकि वो लगातार मध्य प्रदेश में कांग्रेस की वापसी के लिए काम कर रहे है. उन्होंने नर्मदा परिक्रमा से लेकर ‘पंगत में संगत’ कार्यक्रम किए हैं.
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह का एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें वे अपने कार्यकर्ताओं से कह रहे हैं कि उनके भाषण देने से कांग्रेस के वोट कट जाते हैं. हालांकि वीडियो में वे साफ़ कह रहे हैं, ‘जिसको भी टिकट मिले चाहे दुश्मन को मिले, उस उम्मीदवार को जिताओ. और मेरा केवल एक काम है, कोई प्रचार नहीं, कोई भाषण नहीं. मेरे भाषण देने से तो कांग्रेस के वोट कट जाते हैं. इसलिए मैं कहीं जाता ही नहीं हूं.’
बताया जा रहा है कि दिग्विजय सिंह का यह वीडियो उस वक्त का है जब वो मध्य प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष जीतू पटवारी के सरकारी बंगले पर पहुंचे थे. इसी दौरान उनकी मुलाकात पार्टी के कार्यकर्ताओं से हो गई और दिग्विजय सिंह अपनी व्यथा सुनाने लगे.
गौरतलब है कि कांग्रेस के चाणक्य कहे जाने वाले वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह प्रदेश कांग्रेस समन्वय समित के मुखिया हैं और कांग्रेस ने उन्हें चुनावों से पहले कांग्रेस को एकजुट करने की जिम्मेदारी दे रखी है. इसी क्रम में वे पूरे प्रदेश में घूम घूमकर कार्यकर्ताओं के साथ बैठकें कर रहे हैं