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विधानसभा चुनाव में नेतापुत्रों की फौज दावेदारी के लिए तैयार, ये हैं कतार में

भारतीय राजनीति वंशवाद से अछूती नहीं रही है. पार्टी चाहे कोई भी रही हो पर वंशवाद हमेशा पार्टियों पर भारी पड़ता रहा है. अब तक कांग्रेस पर वंशवाद के आरोप लगते रहे तो अब बीजेपी भी वंशवाद में डूबी नजर आ रही है. मध्य प्रदेश में करीब आधा दर्जन मंत्री, सांसद और विधायक अपने पुत्रों को टिकट के लिए जोर-आजमाइश कर रहे हैं.

विधानसभा चुनाव के समर में टिकट काटने और बांटने की माथापच्ची के बीच बीजेपी में नेतापुत्रों की फौज और रिश्तेदार टिकट की दौड़ में शामिल हैं. वहीं, नेतापुत्रों को टिकट दिए जाने को लेकर बीजेपी नेताओं का सॉफ्ट कार्नर भी अब खुल कर सामने आ रहा है. बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने भोपाल में कहा है कि पार्टी विचार करेगी कि कौन कार्यकर्ता किस समय, कितने लंबे समय से काम कर रहा है, कौन लड़ सकता है और कौन नहीं लड़ सकता.

विजयवर्गीय से जब नेतापुत्रों की दावेदारी के सवाल पर उन्होंने कहा, ‘किसी नेता का पुत्र होना कोई दोष नहीं होता, यदि वह इस योग्य होगा तो निश्चित रूप से पार्टी उस पर विचार करेगी.’ आपको बता दें कि खुद कैलाश विजयवर्गीय के बेटे आकाश विजयवर्गीय का नाम भी टिकट के दावेदारों की दौड़ में शामिल है.

वहीं, बीजेपी में नेतापुत्रों की पूरी फौज है जो अपने पिता की विरासत को आगे ले जाने के लिए कतार में खड़ी है. कैलाश विजवर्गीय के बेटे आकाश के अलावा इस सूची में अन्य नेता पुत्रों के नाम इस प्रकार हैं.

> राज्यसभा सांसद प्रभात झा के बेटे तुष्मुल

> नरेंद्र सिंह तोमर बेटे देवेंद्र उर्फ रामू

> सुमित्रा महाजन बेटे मंदार

> सतना सांसद गणेश सिंह के भाई उमेश प्रताप सिंह

> मंत्री गोपाल भार्गव के बेटे अभिषेक

> सागर सांसद लक्ष्मीनारायण यादव के बेटे सुधीर

> मंत्री जयंत मलैया के पुत्र सिद्धार्थ

> मंत्री गौरीशंकर शेजवार के बेटे मुदित शेजवार

> मंत्री रुस्तम सिंह बेटे राकेश

> इंदौर महापौर मालिनी गौड़ के बेटे एकलव्य

> मंत्री माया सिंह बेटे पीतांबर

> मंत्री नरोत्तम मिश्रा के पुत्र सुकर्ण मिश्रा और मंत्री गौरीशंकर बिसेन की बेटी के नाम पर चर्चाओं का दौर सबसे ज्यादा गर्म हैं.

‘कांग्रेस के वंशवाद से बीजेपी की तुलना नही’- कांग्रेस

उधर कांग्रेस प्रवक्ता अभय दुबे का कहना है कि कांग्रेस के वंशवाद में गांधी खानदान का खून है जो गर्व की बात है और बीजेपी के वंशवाद की तुलना कांग्रेस के वंशवाद से नही की जा सकती.

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