अरुण यादव बोले- खनन माफिया हैं CM शिवराज, उन्हें हराऊंगा
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को घेरने के लिए कांग्रेस ने बड़ा दांव चलते हुए पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और सांसद अरुण यादव को बुधनी से टिकट दिया है. अंतिम समय पर टिकट दिए जाने पर अरुण का कहना है कि गहन चिंतन के बाद पार्टी ने उनका चयन किया है और जीत भी हासिल करेंगे.
अरुण यादव राज्य के पूर्व उपमुख्यमंत्री और कांग्रेस के कद्दावर नेता रहे सुभाष यादव के बड़े बेटे हैं. सुभाष यादव 1993 से 2008 तक कांग्रेस के टिकट पर कसरावद के विधायक रहे. अरुण कभी विधानसभा के सदस्य नहीं रहे, लेकिन दो बार लोकसभा का चुनाव जीत चुके हैं और मनमोहन सिंह सरकार में मंत्री भी रहे.
बुधनी से पांचवीं बार मुख्यमंत्री
बुधनी सीट से पांचवीं बार चुनावी मैदान में ताल ठोंक रहे मुख्यमंत्री शिवराज ने 2013 में कांग्रेस उम्मीदवार महेंद्र सिंह चौहान को करीब 84 हजार मतों से हराया था. वह इस बार भी जीत को लेकर आश्वस्त हैं.
आजतक ने नामांकन से ठीक पहले कांग्रेस की ओर से मुख्यमंत्री के खिलाफ ताल ठोकने जा रहे अरुण यादव ने दावा किया कि वो यहां से जरूर जीतेंगे.
मुख्यमंत्री शिवराज के खिलाफ कांग्रेस की ओर से उम्मीदवार तय किए जाने पर हुई देरी पर अरुण यादव ने कहा, ‘केवल बुधनी नहीं कई अन्य सीटों पर गुरुवार रात को ही फैसला लिया गया है. पार्टी सबसे सजग और सशक्त उम्मीदवार तय करने को लेकर गहन चिंतन करती है, उसके बाद पार्टी उम्मीदवार तय करती है. पार्टी ने अब मुझे बुधनी से मौका दिया है जो मेरे लिए गर्व की बात है.’
शिवराज से लेंगे हिसाब
खुद के चयन किए जाने पर अरुण यादव ने कहा, ‘मुझे राहुल जी (राहुल गांधी) ने चुना है. हम बुधनी जाएंगे और जीत कर आएंगे. निश्चित तौर पर पार्टी में हर बिंदु पर बात होती है. फिर निर्णय होता है. मुझे बुधनी के लिए काबिल समझा गया होगा, इसलिए मुझे टिकट दिया गया. अब मैं वहां जा रहा हूं. वहां चुनाव लड़ूंगा और जीत कर आऊंगा.’
राज्य दिग्गज नेता और मुख्यमंत्री शिवराज को चुनौती देने के बारे में उन्होंने कहा, ‘सबसे बड़ा मुद्दा जो है वो है मां नर्मदा के आंचल को छल-छल करने का काम अगर किसी ने किया है तो वो मुख्यमंत्री का परिवार है. पूरे प्रदेश में अगर रेत खनन का माफिया है या जनक है तो वो मुख्यमंत्री का परिवार है. पहले तो हम नर्मदा के कण-कण का हिसाब मुख्यमंत्री से लेंगे.’
उन्होंने आगे कहा, ‘फिर इस प्रदेश के जितने भी किसानों ने आत्महत्या पिछले सालों में की है और उसमें भी सबसे ज्यादा आत्महत्या मुख्यमंत्री के गृह क्षेत्र सीहोर जिले हुई है, उसका लेखा-जोखा भी मुख्यमंत्री से लेंगे. राज्य में महिला और बच्चों के साथ जो दुराचार हुए हैं उसका भी हिसाब लेंगे. व्यापमं जैसे घोटाले का जनक अगर कोई है वो खुद मुख्यमंत्री हैं, इसका भी हिसाब हम उन्हीं से लेंगे.’
अपने साले को संतुष्ट नहीं कर सके CM
शिवराज के परिवार पर गंभीर आरोप और उनके साले संजय सिंह को ही कांग्रेस की ओर से टिकट दिए जाने पर अरुण यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री अपने साले को संतुष्ठ नहीं कर सके और वो उनसे दुखी होकर हमारी पार्टी में शामिल हो गए. इससे बड़ी बात हम लोगों के लिए क्या हो सकती है? उन्होंने कांग्रेस की सदस्यता ली और उनकी इच्छानुसार उन्हें वारासिवनी से लड़ने का मौका दिया गया.
नामांकन में पार्टी नेताओं के शामिल होने के सवाल पर उन्होंने कहा, ‘सब लोगों को अलग-अलग जिम्मेदारी दी गई है. आज नामांकन का अंतिम दिन है. दिग्विजय सिंह राजगढ़ में हैं जबकि कमलनाथ को छिंदवाड़ा और अजय सिंह को विंध्य कोसल की जिम्मेदारी दी गई है. वो वहां हमारे उम्मीदवारों का नामांकन कराएंगे. सुरेश पचौरी खुद चुनाव लड़ रहे हैं और वो अपने आस-पास के उम्मीदवारों के साथ रहेंगे. मेरे साथ बहुत सारे नेता रहेंगे. पूरी पार्टी मेरे साथ खड़ी है.’