MP में शिवराज का शक्ति प्रदर्शन, बीजेपी का मजबूत दुर्ग है भोपाल संभाग
मध्य प्रदेश की सियासी बाजी को बीजेपी लगातार चौथी बार जीतने के लिए महाकुंभ का आयोजन किया है. मंगलवार को भोपाल के जंबूरी मैदान से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह पार्टी कार्यकर्ताओं को विधानसभा चुनाव के लिए जीत का मंत्र देंगे.
बीजेपी इसे दुनिया का सबसे बड़ा राजनीतिक समागम बता रही है. मध्य प्रदेश में बीजेपी हर बार प्रचार अभियान की शुरुआत 25 सितंबर को दीन दयाल उपाध्याय के जन्मदिन से करती है. इससे पहले बीजेपी ने 2008 और 2013 में अपने चुनावी प्रचार के लिए इसी दिन को चुना था.
राज्य में दो महीनों के बाद विधानसभा चुनाव होने हैं. ऐसे में बीजेपी इस महाकुंभ के जरिए अपना शक्ति प्रदर्शन करने जा रही है. इस महाकुंभ में बीजेपी के सबसे बड़े चेहरे नरेंद्र मोदी और अमित शाह के साथ-साथ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सहित पार्टी के कई दिग्गज नेता शामिल होंगे.
भोपाल संभाग बीजेपी का मजबूत गढ़ माना जाता है. राज्य के इस संभाग में भोपाल, राजगढ़, सीहोर, विदिशा और रायसेन जिले की 25 विधानसभा सीटें आती हैं. इनमें से बीजेपी के पास 19 और कांग्रेस के पास 5 सीटें हैं. जबकि एक सीट पर निर्दलीय विधायक सुदेश राय का कब्जा है.
इन दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर
बीजेपी से पहले भोपाल संभाग कांग्रेस का गढ़ हुआ करता था. 15 साल पहले जब बीजेपी उमा भारती को आगे करके चुनावी मैदान में उतरी थी तो कांग्रेस का ये किला ध्वस्त हो गया. राज्य के गृहमंत्री बाबूलाल गौर बीजेपी के कद्दावर नेता हैं और ओबीसी चेहरा हैं, जो इसी इलाके से आते हैं. इसके अलावा कांग्रेस के दिग्गज नेता व पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह इसी क्षेत्र से हैं. इतना ही नहीं संभाग की विदिशा लोकसभा सीट से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सांसद रहे हैं.
भोपाल की 7 सीट में से 6 बीजेपी के पास
भोपाल जिला बीजेपी का सबसे मजबूत इलाका माना जा है. भोपाल जिले में कुल सात विधानसभा सीटें हैं. इनमें से 6 सीटें बीजेपी के पास हैं और महज एक सीट कांग्रेस के पास है. बीजेपी के ओबीसी चेहरा और यादव समुदाय से आने वाले बाबूलाल गौर भोपाल की गोविंदपुरा सीट से विधायक हैं. वे सात बार इस सीट से चुनाव जीत चुके हैं और राज्य के मुख्यमंत्री भी रहे. वहीं, भोपाल की उत्तर सीट से ऐसी है जो कांग्रेस के पास है. यहां से आरिफ अकील पांच बार से विधायक हैं.
राजगढ़: दिग्विजय के गढ़ में कांग्रेस का एक MLA
कांग्रेस सांसद दिग्विजय सिंह के प्रभाव क्षेत्र का जिला राजगढ़ भी भोपाल संभाग में आता है. राजगढ़ में कुल पांच विधानसभा सीटें है, जिनमें से चार बीजेपी के पास हैं और एक सीट पर कांग्रेस का कब्जा है. इससे बीजेपी की ताकत को समझा जा सकता है. कांग्रेस की ओर से पिछले चुनाव में दिग्विजय के पुत्र जयवर्धन सिंह चुनाव जीतने में सफल रहे थे.
विदिशा: सुषमा स्वराज के किले में कांग्रेस की बढ़ी ताकत
विदिशा जिले में कुल पांच विधानसभा सीटें हैं. इनमें से तीन बीजेपी के पास और दो कांग्रेस के पास हैं. भोपाल संभाग से विदिशा ऐसा जिला है जहां कांग्रेस को दो सीटें मिली हैं. जबकि विदेश मंत्री सुषमा स्वराज इसी क्षेत्र से लोकसभा सदस्य चुनी गईं हैं. इस बार बीजेपी जहां सभी सीटों पर काबिज होने की कोशिश में जुटी है. वहीं, कांग्रेस दो सीटों को चार में बदलने की जद्दोजहद कर रही है.
रायसेन में कांग्रेस का नहीं खुला था खाता
भोपाल संभाग के तहत आने वाला रायसेन जिला बीजेपी का सबसे मजबूत क्षेत्र माना जाता है. इस जिले में कुल चार विधानसभा सीटें हैं और चारों पर बीजेपी का कब्जा है. पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस यहां से अपना खाता भी नहीं खोल पाई थी.
सीहोर से शिवराज रह चुके MLA
सीहोर जिले में कुल चार विधानसभा सीटें हैं. इनमें से दो सीटें बीजेपी के पास है और एक कांग्रेस के पास. जबकि एक सीट पर सुदेश राय ने निर्दलीय के रूप में जीत दर्ज की है. दिलचस्प बात ये है कि सीहोर से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान विधायक रह चुके हैं.
MP का सियासी समीकरण
दरअसल, मध्यप्रदेश में मुख्य मुकाबला बीजेपी और कांग्रेस के बीच है. 2003 से बीजेपी की सरकार है. जबकि इससे पहले 10 साल कांग्रेस ने राज किया था. 2013 के विधानसभा चुनाव में कुल 230 विधानसभा सीटों में से बीजेपी ने 165 सीटें जीतकर सरकार बनाई थी. कांग्रेस 58 सीटों तक सिमट गई थी. जबकि बसपा ने 4 और अन्य ने 3 सीटों पर जीत हासिल की थी.