साल भर में मप्र में एक हजार गौशालाओं के निर्माण की मंजूरी
( कमलेश पाण्डेय )
मध्यप्रदेश। चुनाव के पहले अपने वचन पत्र में गायों के संरक्षण के लिए प्रत्येक ग्राम पंचायत में गौशाला निर्माण का वादा करने वाली कांग्रेस सरकार ने अपने कार्यकाल के एक साल में प्रदेश भर में एक हजार गौशालाओं के निर्माण को स्वीकृति दी है। छतरपुर जिले में विभिन्न विकासखण्डों में मौजूद पंचायतों में 34 गौशालाओं के निर्माण को स्वीकृति प्राप्त हुई है इनमें से पांच गौशालाओं की जमीन को लेकर मामूली विवाद हैं जबकि 29 गौशालाओं की जमीनों पर इसका निर्माण शुरू हो गया है।
– इन स्थानों पर मिली गौशाला निर्माण की स्वीकृति
गौरिहार क्षेत्र में गौशाला नांद, राजनगर क्षेत्र में सेवड़ी, तालगांव, सीलोन, मझगुवां, नौगांव क्षेत्र में गर्रोली, चुरवारी, खिरवा, ढिगपुरा, इमलिया, नुना, छतरपुर क्षेत्र में मलपुरा, ढड़ारी, बसाटा, ललनजू पुरवा, खौंप, बक्स्वाहा क्षेत्र में लालघाटी, गुगवारा, मड़देवरा, सुनवाहा, बड़ामलहरा क्षेत्र में गरखुवां, सरकना, मुंगवारी, बिजावर क्षेत्र में जैतपुर, किशनगढ़, धरमपुरा, बांकी गिरोली, गोपालपुरा, लवकुशनगर क्षेत्र में कटहरा, भवानीपुर और दौनी में गौशाला निर्माण की स्वीकृति मिलने के उपरांत यहां काम भी शुरू हो गया है तो वहीं पांच स्थान ऐसे हैं जहां गौशालाओं के निर्माण की स्वीकृति तो मिली है लेकिन जमीनी विवाद होने के कारण इन स्थानों पर काम शुरू नहीं हो पाया है। इनमें गौरिहार क्षेत्र का प्रकाशबम्हौरी, राजनगर क्षेत्र के सूरजपुरा एवं गंज, लवकुशनगर क्षेत्र के दिदवारा एवं एक अन्य गौशाला शामिल हैै।
-क्या है योजना
मुख्यमंत्री कमलनाथ के द्वारा शुरू की गई गौसंरक्षण के लिए गौशाला निर्माण योजना के तहत मप्र के आवारा पशुधन को सुरक्षित करने एवं उनसे पशु उत्पाद प्राप्त करने के लिए गौशालाओं का निर्माण कराया जा रहा है। पंचायत की मनरेगा एवं पंचपरमेश्वर योजना के माध्यम से इन गौशालाओं में 100 पशुओं को रखने के लिए शेड निर्माण, फेसिंग, चौकीदार कक्ष का निर्माण होगा। यह गौशाला एक एकड़ क्षेत्र में बनेगी। इसमें आवारा पशुओं को रखने के साथ-साथ उनके गोबर, गौमूत्र उत्पादों से जैविक खाद्य, दवाएं, बायोगैस आदि के निर्माण का लक्ष्य है।
-अभी क्या स्थिति है
फिलहाल छतरपुर जिले में लगभग साढ़े 5 लाख जानवर मौजूद हैं जिनमें आवारा गौवंश की संख्या अत्यधिक है। फिलहाल जिले में 12 गौशालाएं संचालित हैं जिन्हें 20 रूपए प्रति जानवर प्रति दिन के हिसाब से सरकार द्वारा अनुदान दिया जाता है। हालांकि इनमें से सिर्फ 8 गौशालाएं ही ऐसी हैं जो सही तरीके से संचालित हो रही हैं। ये 8 गौशालाएं जिला मुख्यालय के नजदीक ग्राम राधेपुर, महोबा रोड पर स्थित दयोदय गौशाला, बारीगढ़ क्षेत्र में धंधागिरी गौशाला, सिजई में परमानंद गौशाला, लवकुशनगर क्षेत्र में कन्हैया गौशाला, नौगांव क्षेत्र में बुन्देलखण्ड गौशाला, बक्स्वाहा में पड़रिया गौशाला एवं बिजावर के ग्राम गुलाट में नंदिनी गौशाला शामिल है। इनमें से दो गौशालाएं ऐसी हैं जिनमें साढ़े चार सौ से अधिक आवारा पशु रहते हैं ये हैं नौगांव रोड की बुन्देलखण्ड गौशाला एवं सिजई की परमानंद गौशाला।
-इनका कहना
आवारा जानवरों को संरक्षित करने की दिशा में सरकार द्वारा जिले में 34 गौशालाओं के निर्माण को स्वीकृति दी गई है। जिला पंचायत के माध्यम से पंचायतों के द्वारा उक्त गौशालाओं का निर्माण किया जा रहा है। आने वाले एक-दो वर्षों में आवारा पशुधन के संरक्षण को नई दिशा मिलेगी। — ( डॉ. विमल कुमार तिवारी, उपसंचालक, पशु चिकित्सा सेवा, छतरपुर )