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कृषि कानून विरोधी प्रदर्शनकारियों से अपील, अपना आंदोलन खत्म करें और घर लौट जाएं: पीयूष गोयल

नई दिल्ली। वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को नए कृषि कानून विरोधी प्रदर्शनकारियों से अपना आंदोलन खत्म करने और घर लौटने की अपील की। उन्होंने कहा कि केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने भी किसानों से प्रदर्शन खत्म करने की अपील करते हुए कहा है कि सरकार तीनों कृषि कानूनों के प्रविधानों पर वार्ता बहाल करने के लिए तैयार है।गोयल ने कहा, ‘मैं अनुरोध करूंगा कि किसान अपने घर लौट जाएं। कानून किसान हितैषी हैं और देशभर के किसानों ने इसका स्वागत किया है।’ उन्होंने कहा कि प्रदर्शनकारी अपने सुझाव दे सकते हैं। वहीं, समाचार एजेंसी एएनआइ के मुताबिक कृषि मंत्री तोमर ने राकांपा प्रमुख शरद पवार के कृषि कानूनों पर उनके रुख का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार उनसे सहमत है कि मामले का जल्द से जल्द समाधान किया जाए।

कृषि कानूनों के विरोध में संयुक्त किसान मोर्चा के नेतृत्व में चल रहा आंदोलन शुक्रवार को 218वें दिन में प्रवेश कर गया। इस दौरान मोर्चा में शामिल करीब 67 किसान संगठनों ने बैठक की। इसमें निर्णय लिया गया कि पेट्रो पदार्थों की कीमतों में लगातार हो रही बढ़ोतरी के खिलाफ आठ जुलाई को देशव्यापी विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। इस दौरान आंदोलनकारी स्कूटर, मोटरसाइकिल, ट्रैक्टर, खाली रसोई गैस सिलेंडर के साथ रोड किनारे प्रदर्शन करेंगे। हालांकि, इस प्रदर्शन के दौरान यातायात बाधित नहीं किया जाएगा।

मोर्चा ने इस आंदोलन में सभी व्यापारी, श्रमिक व अन्य संगठनों से शामिल होने की अपील की है। साथ ही बैठक में निर्णय लिया गया कि भाजपा नेताओं के खिलाफ विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा। मोर्चा के नेता बलबीर सिंह राजेवाल, डा. दर्शनपाल, गुरनाम सिंह चढ़ूनी, हन्नान मौल्ला, जगजीत सिंह दल्लेवाल, जोगिंदर सिंह उग्राहां, शिवकुमार शर्मा कक्का, युद्धवीर सिंह, योगेंद्र यादव की ओर से जारी वक्तव्य में कहा गया कि उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद, हरियाणा के हिसार और चंडीगढ़ में शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे किसानों के खिलाफ दर्ज मामले वापस लिए जाएं। ये सभी मामले झूठे हैं और भाजपा सरकारों द्वारा निर्दोष लोगों को झूठे मामलों में फंसाने के लिए ऐसा किया जा रहा है।

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