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शिवराज और ज्योतिरादित्य सिंधिया की मुलाकात के मायने

भोपाल। सियासत में राजनेताओं का मिलना जुलना आम बात होता है। अक्सर सियासत के धुर विरोधी जब आमने सामने कहीं टकरा जाते है तो शिष्टाचार भेंट हो जाती है, लेकिन इन शिष्टाचार मुलाकातों में कुछ मुलाकातें ऐसी भी होती हैं जो अक्सर नहीं होती है।

ऐसी ही एक मुलाकात सोमवार देर रात मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में हुई। सियासत में धुर विरोधी कहे जाने वाले पूर्व मुख्यमंत्री शिवराजसिंह और कांग्रेस सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया एकसाथ मिले। यह मुलाकात कोई अचानक या संयोगवश नहीं थी बल्कि कांग्रेस सांसद और विधानसभा चुनाव में कांग्रेस चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष रहे ज्योतिरादित्य सिंधिया सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मिलने उनके घर पहुंचे।
मुलाकात के दौरान दोनों ही दिग्गज नेताओं के बीच बंद कमरे में करीब 45 मिनट तक बातचीत भी हुई वहीं मुलाकात खत्म होने के बाद निकले दोनों ही नेताओं ने मीडिया से इसे सामान्य मुलाकात बताया।

मीडिया से बात करते हुए कांग्रेस सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इसे सौजन्य मुलाकात बताते हुए कहा कि वे मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री से मिलने आए थे। बहुत सारी बातचीत हुई वहीं जब मीडिया ने सिंधिया से बीजेपी के चुनावी कैंपेन ‘माफ करो महाराज’ के बारे में सवाल किया तो सिंधिया ने कहा कि मैं ऐसा व्यक्ति नहीं हूं जो जिंदगी भर कड़वाहट लेकर पूरी जिंदगी बिताऊं। रात गई बात गई।

कांग्रेस सत्ता में है और हमें सबको साथ में लेकर चलना है। चुनावी मैदान में कशमकश होती है, लेकिन बाद में नहीं”। मुलाकात के बाद शिवराज सिंह चौहान ने इसे सामान्य शिष्टाचार की भेंट बताते हुए कहा कि हमारे बीच अब न गिले है न शिकवे।

इस मुलाकात के बाद एक बार मध्यप्रदेश की सियासत फिर गर्मा गई है। चुनाव में बीजेपी की हार के बाद और सूबे में कांग्रेस सरकार बनने के बाद जहां बीजेपी के नेता कमलनाथ सरकार के खिलाफ मोर्चा खोले है।

सोमवार को दिनभर सूबे के हर जिला मुख्यालय पर बीजेपी नेताओं ने मुख्यमंत्री कमलनाथ का पुतला जलाया। ऐसे में रात होते होते सिंधिया का खुद शिवराजसिंह चौहान से उनके घर जाकर मिलना क्या वाकई सिर्फ एक सौजन्य या शिष्टाचार मुलाकात थी या बीजेपी के हल्लाबोल प्रदर्शन की हवा निकालने की सिंधिया स्टाइल। यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा।

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