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मध्यप्रदेश में 35 लाख फर्जी वोटर्स से बदल सकते हैं चुनाव नतीजें

भोपाल। मध्यप्रदेश में 35 लाख फर्जी वोटर्स किसी भी चुनाव का नतीजा बदल सकते हैं। इसमें सबसे गंभीर बात यह है कि मृतक और लपाता वोटर भी शामिल है। वोटर लिस्ट में गडबडी के उजागर होने के बाद वर्तमान वोटर लिस्ट पर भी सवाल खडे हो गए है। निर्वाचन आयोग ने स्वीकार किया है कि अब तक सात लाख फर्जी वोटर लिस्ट में पकड में आए है और अभी वोटर लिस्ट का परीक्षण जारी है जिसमें इस तरह कई वोटर फर्जी मिल सकते है।

जानकारी के अनुसार मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले वोटर लिस्ट में गड़बड़ी का मामला बढ़ता जा रहा है। इसके लिए कलेक्टरों ने चुनाव आयोग को एक रिपोर्ट भेजी है जिसमें फर्जी वोटरों की संख्या 7 लाख बताई गई है। कहा जा रहा है कि इन सात लाख लोगों में 3 लाख मृतक हैं जबकि 4 लाख लोग गुमनाम हैं। वक्त रहते ये गड़बड़ी पकड़ ली गई नहीं तो बोगस वोटिंग के जरिए ये चुनावों के परिणाम बदल सकते थे। चुनाव आयोग ने इसके लिए सख्त निर्देश दिए थे जिसके बाद विभिन्न जिलों से जानकारियां भेजी गईं। इन रिपोर्ट्स के आधार पर मृतकों और गुमनामों की संख्या कई गुना बढ़ने की संभावना भी जताई जा रही है।
बता दें कि मध्यप्रदेश स्टेट इलैक्ट्रोनिक्स डेवेलेपमेंट कॉरपोरेशन (एमपीएसईडीसी) का काम मुख्यमंत्री सचिवालय से जुड़ा होता है। साथ ही जो मुख्यमंत्री का सचिव होता है वही आईटी का भी सचिव होता है। भाजपा का यह ग्रुप वोटिंग लिस्ट पर नजर रखाता है। आरटीआई एक्टिविस्ट अजय दूबे का कहना है कि 51 जिलों में 37 लाख वोट फर्जी हो सकते हैं।

मुख्य निर्वाचन आयुक्त करेंगे परीक्षण

मुख्य निर्वाचन आयुक्त ओपी रावत 9 और 10 अप्रैल को मध्यप्रदेश के दौरे पर आ रहे हैं। बताया जा रहा है कि वह 9 अप्रैल को इंदौर और 10 अप्रैल को भोपाल की वोटर लिस्ट में रिवीजन के काम को देखेंगे।

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