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वायुसेना का विमान AN-32 में सवार 13 लोगों की मौत

 

— विमान के मलवे स्थान तक पहुंचा बचाव दल

उन परिवारों के लिए दुखद खबर है कि जिनके परिवार के सदस्य भारतीय वायुसेना का विमान AN-32 में सवार थे इन 13 लोगों की मौत की जानकारी वायुसेना ने अधिाकरिक रूप से दी है। विमान में सवार एक भी सदस्य के  बचने की संभवना से बचाव दल ने इंकार किया है। बचाव दल विमान के मलवे वाले स्थान तक पहुंच गया और चारो तरफ सर्चिंग की है।

भारतीय वायुसेना मुख्यालय द्वारा किए गए अधिकारिक ट्वीट से यह साफ हो गया है कि लापता विमान AN-32 में सवार 13 लोग अब जिंदा नहीं है। जिसमें एसके सिंह, पंकज, पुताली और राजेश कुमार,केके मिश्रा, अनूप कुमार, शेरिन,ए.तंवर, एस मोहन्ती, एमके गर्ग,जीएम चार्ल्स, एच विनोद, आर थापा शामिल हैं। वायुसेना के सभी शहीदों को श्रद्धांजलि है।

रूस निर्मित एएन-32 परिवहन विमान तीन जून को असम के जोरहाट से मेंचुका एडवांस्ड लैंडिग ग्राउंड के रवाना हुआ था लेकिन ठीक 33 मिनिट बाद उसका संर्पक टूट गया और विमान लापता हो गया । आठ दिन तक सेना की सभी इकाईयां विमान को तलाशती रही। मंगलवार को वायुसेना के एमआई-17 हेलिकॉप्टर को लगभग 12,000 फुट की ऊंचाई अरूणाचल प्रदेश में सियांग और शी योमी जिलों की सीमा पर गट्टे गांव के पास घने जंगल में विमान का मलवा दिखाई दिया। इस मलवे तक पहुंचे के लिए वायु सेना के पर्वतारोहण दल में से नौ कर्मी, सेना के चार और दो पर्वतारोहियों को भेजा गया। गुरूवार को यह दल वहां पुहंचा गया और आसपास की सर्चिंग की गई। दल ने बताया कि विमान के मलवे और आसपास की जांच के बाद यहां कोई भी जिंदा व्यक्ति नहीं मिला है। विमान में सवार सभी लोगो की मौत हो गई है। वायुसेना ने इस जानकारी के आधार पर आधकारिक जानकारी सर्वजानिक की है।

गौरतलब है कि रूस निर्मित एएन-32 परिवहन विमान साल 1986 में भारतीय वायु सेना में शामिल किया गया था। अब तक इस विमान को अपग्रेड नहीं किया गया था।

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