कोटला से किनारा करेगा BCCI? कई बार मुश्किल में पड़ा है दिल्ली में मैच
भारत और श्रीलंका के बीच दिल्ली में खेला जा रहा टेस्ट मैच अब तक खेल से ज्यादा प्रदूषण की वजह से सुर्खियों रहा है. यह मामला उस समय बढ़ गया जब श्रीलंकाई टीम के खिलाड़ियों ने दिल्ली के खराब मौसम में तबीयत बिगड़ने के बाद इसकी शिकायत की थी. इसके बाद खुद श्रीलंकाई बोर्ड ने भी बीसीसीआई से जवाब मांगा था कि उन्होंने इस टेस्ट मैच के लिए दिल्ली के फिरोजशाह कोटला स्टेडियम को वेन्यू के तौर पर क्यों चुना है.
दिल्ली में मैचों के आयोजन पर होगा विचार
इस शर्मनाक स्थिति के पैदा होने के बाद बीसीसीआई के सचिव अमिताभ चौधरी ने सोमवार को कहा कि भविष्य में दिल्ली में इस मौसम में मैचों के आयोजन पर विचार किया जाएगा, क्योंकि इस सीजन में राजधानी में स्मॉग की काफी समस्या रहती है. बीसीसीआई इस मुद्दे को लेकर पूरी तरह गंभीर है.
बीसीसीआई सचिव चौधरी ने कहा कि जब श्रीलंका के भारत दौरे का कार्यक्रम तय हुआ था तब उन्होंने भी इस पर आपत्ति नहीं जताई थी. अगर उन्हें कार्यक्रम को लेकर कोई आपत्ति थी तो उन्होंने हमें उससे अवगत नहीं कराया.
आपको बता दें कि दिल्ली टेस्ट मैच के दूसरे दिन के दूसरे सत्र में भारत जब पांच विकेट खोकर 509 रनों पर था तभी श्रीलंकाई गेंदबाज लाहिरू गमागे को परेशानी हुई और खेला रोका गया. इसी बीच श्रीलंकाई खिलाड़ियों ने खराब वातावरण की शिकायत मैदानी अंपायरों से की. जिसके कारण तकरीबन 15 मिनट का खेल रुका. जिसके बाद काफी बवाल हुआ था, श्रीलंकाई टीम के रवैये से परेशान होकर भारत ने अपनी पारी घोषित कर दी थी.
पहले भी दिल्ली में बाधित हुए हैं मैच
बीसीसीआई अगर भविष्य में दिल्ली में कोई इंटरनेशनल मैच नहीं कराने का फैसला लेती है तो यह DDCA और दिल्ली में क्रिकेट फैंस के लिए बहुत बड़ा झटका होगा. खैर यह कोई पहला मौका नहीं है जब दिल्ली में खेला गया कोई मैच विवादों में रहा हो और जिसके कारण खेल रोका गया हो.
इससे पहले डीडीसीए को साल 2009 में भी तब शर्मशार होना पड़ा था जब फिरोजशाह कोटला मैदान में भारत और श्रीलंका के बीच एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैचों की सीरीज का आखिरी मैच खराब पिच के कारण रद्द करना पड़ा था.
जिस समय मैच समाप्त घोषित किया गया उस समय श्रीलंका का स्कोर पांच विकेट पर 83 रन था. पिच पर अनियमित उछाल से बल्लेबाजों को शुरू से ही परेशानी हो रही थी. एक भारतीय तेज गेंदबाज की गेंद तिलकरत्ने दिलशान की कोहनी पर भी लगी थी.