न्यूजीलैंड के खिलाफ रन चेज को लेकर इंग्लैंड टीम पर नासिर हुसैन ने उठाए सवाल, जो रूट ने किया बचाव
लंदन। इंग्लैंड के पूर्व कप्तान नासिर हुसैन को लगता है कि न्यूजीलैंड के खिलाफ पहले टेस्ट के अंतिम दिन मेजबान टीम को जीत के लिए जाना चाहिए था। इसे लेकर उन्होंने इंग्लैंड की टीम की काफी आलोचना की है। वहीं कप्तान जो रूट ने इसका बचाव किया है। न्यूजीलैंड द्वारा 169/6 पर अपनी पारी घोषित करने के बाद इंग्लैंड को अंतिम दो सत्रों में खेल जीतने के लिए 273 रनों की आवश्यकता थी। रूट और डोमिनिक सिबली ने रविवार को लॉर्ड्स क्रिकेट ग्राउंड पर काफी धीमी बल्लेबाजी और मैच ड्रॉ हुआ। सिबली ने 207 गेंदों पर 60 रन बनाए। यह साल 2000 के बाद इंग्लैंड के किसी ओपनर सातवीं सबसे धीमी अर्धशतकीय पारी थी।
इसे लेकर हुसैन ने कहा, ‘ऐसा लग रहा था कि केवल एक ही टीम मैच जीतने के लिए उत्सुक थी और इसीलिए केन विलियमसन अंत तक मैदान में बने रहे। नहीं तो वे 15 ओवर पहले हाथ मिला (मैच समाप्त) सकते थे, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया, क्योंकि वह सकारात्मक क्रिकेट खेल रहे थे। मैं जानता हूं कि इंग्लैंड की टीम जीत के लिए क्यों नहीं गई। उन्होंने अपने आखिरी तीन टेस्ट मैच गंवाए हैं और टीम में जोस बटलर और बेन स्टोक्स जैसे खिलाड़ी नहीं हैं।’
हुसैन ने कहा कि इंग्लैंड की टीम ने जीत का इरादा नहीं दिखाया। हाल के मैचों में के लिए मेजबान टीम संघर्ष करती नजर आई है। इसके लिए उन्होंने धीमी बल्लेबाजी को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि वे टेस्ट क्रिकेट में खुद को अक्सर 20-3 पाते हैं। इसलिए आपको इंग्लैंड की यह टीम कहां है और कहां पहुंचने की कोशिश कर रही है, इसकी बड़ी तस्वीर देखनी होगी। इंग्लैंड के पूर्व कप्तान चाहते हैं कि उनकी टीम बहुत अधिक आक्रामक और न ही बहुत रक्षात्मक क्रिकेट खेले।
वहीं कप्तान जो रूट ने टीम के रुख का बचाव किया और कहा कि लक्ष्य का पीछा करना उचित नहीं दिखाई दे रहा था। इस विकेट पर प्रति ओवर तीन रन बनाना कठिन था। पिछले कुछ दिनों इस विकेट पर खेलने के बाद, हम जानते थे कि यह उतना आसान नहीं होगा जितना दिख रहा है। यदि आप पूरे मैच में रन रेट को देखें, तो जब यह पिच बल्लेबाजी के लिए काफी अनुकूल थी तब भी तीन रन प्रति ओवर से ऊपर स्कोर करना कठिन था। उन्होंने कहा कि इंग्लैंड अपनी बल्लेबाजी में थोड़ा और अनुशासित होना चाहता था क्योंकि पहली पारी में वह 275 रन पर ढेर हो गया था।