नया विवादः बत्रा ने कहा- सिंधू और साइना के माता-पिता को गोल्ड कोस्ट जाने की अनुमति देनी चाहिए
नई दिल्ली: भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) अध्यक्ष नरिंदर बत्रा का मानना है कि खेल मंत्रालय को स्टार शटलर पी वी सिंधू और साइना नेहवाल के माता-पिता को गोल्ड कोस्ट राष्ट्रमंडल खेलों में उनके साथ जाने की अनुमति दे देनी चाहिए। गौरतलब है कि खेल मंत्रालय ने ऑस्ट्रेलिया के गोल्ड कोस्ट में आयोजित होने वाले आगामी कॉमनवेल्थ गेम्स से पहले एक अहम फैसला लिया है। 4 अप्रैल से शुरू होने जा रहे इन खेलों के दौरान अधिकारी और खिलाड़ियों के परिजन सरकारी खर्च पर तफरीह ना कर सकें इसलिए अधिकारियों के दल में कटौती की जाएगी।
बत्रा ने कहा, ‘मैं नहीं जानता कि खेल मंत्रालय सिंधू और साइना के माता पिता को उनके साथ राष्ट्रमंडल खेलों में जाने की अनुमति क्यों नहीं दे रहा है।’ उन्होंने भारतीय दल की रवानगी कार्यक्रम से इतर कहा, ‘ये शटलर बड़े स्टार है और हमें उनका समर्थन करना चाहिए। सिंधू और साइना ने जो आग्रह किया है अगर विराट कोहली या सचिन तेंदुलकर ऐसा चाहते तो क्या मंत्रालय उनके लिये भी न कहता।’
रिपोर्टों के अनुसार साइना के पिता हरवीर सिंह और सिंधू की मां विजया पुरसाला सरकारी खर्चे पर गोल्ड कोस्ट जा रहे थे क्योंकि उनके नाम आईओए की अधिकारियों की सूची में है। लेकिन भारतीय बैडमिंटन संघ (बाइ) ने आईओए को जो पत्र लिखा है उसमें इनके नामों का जिक्र नहीं है। इस पत्र की एक प्रति पीटीआई के पास है। बाइ ने आज कहा कि यह कहना अनुचित होगा कि साइना और सिंधू के माता पिता भारतीय दल के रूप में राष्ट्रमंडल खेलों में जा रहे हैं।
बाइ सचिव अनूप नारंग ने पीटीआई से कहा, ‘यह पूरी तरह से गलत रिपोर्ट है। इसमें सच्चाई नहीं है। मेरा मानना है कि यह इन दो शटलर के साथ अनुचित है जिन्होंने देश का मान बढ़ाया है।’ इस बारे में जब सिंधू के पिता पीवी रमन्ना से संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा, ‘मैं कई बार सिंधू के साथ विभिन्न टूर्नामेंटों में गया हूं और हर बार मैंने अपना खर्चा खुद उठाया। इस बार भी हमने बाइ से आग्रह किया था कि वह विजया को खुद के खर्चे पर जाने की अनुमति दे। इसलिए यह जानकर दुख हुआ कि कुछ लोग इस तरह की गलत खबरें उड़ा रहे हैं।’
साइना के पिता हरवीर ने कहा, ‘मैं अपने खर्चे पर जा रहा हूं। मैं गोल्ड कोस्ट में एक प्रोफेसर को जानता हूं इसलिए मैं एक दर्शक के रूप में खेलों में जा रहा हूं और मैं दल का हिस्सा नहीं हूं। यहां तक कि जब रियो खेलों में गया था तो किराये पर रहा था। इसलिए मैं नहीं जानता कि ये रिपोर्ट कहां से आयी। यह दुर्भाग्यपूर्ण है।’
कल एक उच्च पदस्थ सूत्र ने बताया था कि, ‘यह तय है कि इस बार सरकारी खर्च पर कोई अधिकारी या खिलाड़ियों के परिजन राष्ट्रमंडल खेलों में सैर सपाटा नहीं कर सकेंगे। जिनकी कोई उपयोगिता खिलाड़ियों के लिये नहीं है, उन्हें कतई सूची में शामिल नहीं किया जायेगा। पहले भी ऐसी शिकायतें मिली है कि कई ऐसे अधिकारी दल में शामिल होते हैं जिन्हें खेल परिसर में प्रवेश की अनुमति तक नहीं होती। वे किस तरह से खिलाड़ियों की मदद करेंगे। इसके अलावा बड़े-बड़े खिलाड़ी अपने परिजनों को मेंटर या मैनेजर बनाकर ले जाते हैं जबकि वे खुद उनका खर्च उठा सकते हैं।’ उन्होंने कहा कि खेलमंत्री ने खुद इस मामले में सख्त रवैया अपनाने को कहा है जिसमें फोकस खिलाड़ियों पर रहेगा लेकिन सरकारी धन का दुरूपयोग मुफ्त के सैर सपाटे पर नहीं होगा।’