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इस बार IPL की चमक पड़ जाएगी फीकी, ये एक फैसला बदलेगा टूर्नामेंट का मिज़ाज!

इंडियन प्रीमियर लीग (आइपीएल) की इस साल हुई नीलामी के बाद से ही शोर मचने लगा था कि इस वैश्विक टूर्नामेंट को और भी ज्यादा रंगीन तड़क-भड़क के आयोजित किया जाएगा। लेकिन, सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त प्रशासकों की समिति (सीओए) ने इसके उद्घाटन समारोह पर ही कैंची चला दी है।

आइपीएल के 11वें सत्र का उद्घाटन समारोह पहले छह अप्रैल को मुंबई के क्रिकेट क्लब ऑफ इंडिया (सीसीआइ) में होना था, लेकिन अब सात अप्रैल को इस सत्र के पहले मैच से पहले उद्घाटन समारोह वानखेड़े स्टेडियम में होगा। आइपीएल गवर्निग काउंसिल और भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआइ) ने पहले उद्घाटन समारोह को इस लीग के शुरुआत के एक दिन पहले आयोजित करने की योजना बनाई थी और कहा जा रहा था कि बॉलीवुड ही नहीं हॉलीवुड के सितारों को भी आमंत्रित किया जाएगा। लेकिन, सीओए ने इस खर्चीले समारोह में आमूलचूल परिवर्तन कर दिया है।

बीसीसीआइ के पदाधिकारियों ने कहा कि सीओए नहीं चाहता कि उद्घाटन समारोह में 50 करोड़ रुपये खर्च हो। इसलिए इसको एक दिन पहले आयोजित कराने की योजना बनाई है जिससे समय और पैसा दोनों बचेगा। सात अप्रैल को पहला मैच मुंबई इंडियंस और चेन्नई सुपरकिंग्स के बीच खेला जाएगा। समापन 27 मई को मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में ही होगा। आठ टीमों वाले इस 11वें सत्र में कुल 60 मैच कुल नौ स्टेडियम में खेले जाएंगे।

आइपीएल 2018 अपने अब तक के सभी संस्करणों से एकदम जुदा होने वाला है। बीसीसीआइ ने इंडियन प्रीमियर लीग (आइपीएल) के लिए अंपायर समीक्षा प्रणाली (डीआरएस) को हरी झंडी प्रदान कर दी है। डीआरएस का आइपीएल में पहली बार प्रयोग होगा। बीसीसीआइ वर्षों तक इस प्रणाली का विरोध करता रहा है, लेकिन अब उसने इसे अपनी महत्वपूर्ण लीग में उपयोग में लाने का फैसला किया। रेफरल सिस्टम के चलते बीसीसीआइ इसका विरोध करता रहा, लेकिन 2016 के इंग्लैंड दौरे के समय से उसने अपने रूख में लचीलापन अपनाया।

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