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मौत वाली रात हॉस्टल से दो किलोमीटर दूर रात 11 बजे गडरिया नाला ढाबे पर क्या कर रहा था मृतक छात्र सरवन

 

– छात्र की मौत पर उठ रहे है कई गंभीर सवाल

 

(योगेश राजपूत,बुधनी)

मध्यप्रदेश। सीहोर जिले की बुधनी तहसील एक्सीलेंस स्कूल हॉस्टल में छात्र सरवन पवार पुत्र रूप सिंह की संदेहास्पद मौत के मामले में अब एक और नया मोड़ आया है घटना वाली रात 11:00 बजे हॉस्टल से लगभग 2 किलोमीटर दूर गडरिया नाला स्थित ढाबे के करीब मृतक छात्र सरवन को देखा गया था। उसी रात 2:00 बजे उसने कैंपस के अंदर बिल्डिंग के पीछे से गंभीर अवस्था में एक अन्य छात्र को फोन लगाकर सूचना दी थी जिस पर अन्य छात्र मौके पर पहुंचे और उसे उठाकर कमरे में ले गएl जब वह घायल अवस्था में मौके पर पड़ा हुआ था तो दूसरे छात्रों ने उससे मामले की जानकारी लेने का प्रयास किया लेकिन वह ठीक से बोल नहीं पा रहा था और तब भी उसकी नाक पर खून दिख रहा था। छात्र की मौत पर कई सवाल उठ रहे है, उसकी पीएम रिपोर्ट में तिल्ली के फटने से मौत होना बताया जा रहा है। मुख्यमंत्री  कमलनाथ ने मृतक छात्र सरवन पवार के परिवार को ₹400000 देने की घोषणा की है l हालांकि यह बात रेहटी मैं आयोजित बिरसा मुंडा जयंती कार्यक्रम में प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने कहींl वर्मा ने कहा की बुधनी पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह का विधानसभा क्षेत्र है उनके क्षेत्र में इस तरह के कृत्य हो रहे हैं.

 (मृतक छात्र सरवन)

बताया जाता है कि मृतक छात्र सरवन रोज लगभग 11:00 बजे तक बिल्डिंग से बाहर मोबाइल पर बात करने का कह कर जाया करता था लेकिन घटना वाले दिन वह 2:00 बजे तक वापस कमरे में नहीं आया और उसने घायल अवस्था में एक अन्य छात्र के मोबाइल पर फोन किया था, सवाल यह उठता है कि छात्र कैसे कैंपस से बाहर चला गया और तो और वह 2:00 बजे तक अपने कमरे में वापस नहीं आया बावजूद इसके प्रबंधन ने छात्र को ढूंढने के कोई प्रयास नहीं किए और ना ही पुलिस को इसकी सूचना दी। एक्सीलेंस स्कूल हॉस्टल अधिक्षक और अन्य कर्मचारियों ने छात्र के रात दो बजे तक हॉस्टल में आने पर खोज बीन नहीं करना संदेह पैदा करता है। वहीं छात्र के घायल होने की जानकारी भी पुलिस को समय पर नहीं देना कहीं न कहीं एक्सीलेंस स्कूल हॉस्टल प्रबंधन की भूमिका पर सवाल उठता है। इससे पहले भी छात्रावास अधीक्षक महेंद्र सिंह गौर को ऐसे ही मामले में निलंबित किया जा चुका है उसकी भूमिका हमेशा ही से ही विवादास्पद रही है वह अपनी ऊंची पहुंच एवं प्रदेश के पूर्व मुखिया से संबंध बताकर हमेशा उच्चाधिकारियों को अपना रसूख दिखाता रहा है। अब इस मामले में भी यही प्र्रयास किए जा रहे है कि मामले को किसी तरह शांत किया जाए।

गौरतलब है कि अनुसार शाहगंज रोड पर जर्रापुर के पास स्थित हरिजन बालक छात्रावास में रहने वाले बारहवीं कक्षा के छात्र सरवन पवार पुत्र रूप सिंह उम्र 20 वर्ष की बीती रात मंगलवार—बुधवार की दरम्यानी रात लगभग 2:00 बजे के बाद छात्रावास के एक कर्मचारी और अधीक्षक महेंद्र गौर छात्र को लेकर अस्पताल पहुंचे जहां डॉक्टरों ने परीक्षण के बाद उसे मृत घोषित कर दिया। इस पूरी घटना की सूचना परिजनों को किसी रिश्तेदार से मिली इस बात को लेकर अस्पताल पहुंचे मृतक छात्र के परिजनों ने अधीक्षक की पिटाई लगा दी थी पुलिस ने हॉस्टल के कमरा नंबर 204 को सील कर दिया था। गुरूवार को छात के परिजनों ने शव को सडक पर रख कर चक्काजाम कर प्रदर्शन किया। परिजनों का आरोप है कि छात्र सरवन की हत्या हुई है।

-सवाल जिनके जवाब देना होंगे..

मृतक छात्र रोज रात 11 बजे तक क्यों बाहर रहता था,हॉस्टल प्रशासन ने उसे रोका क्यों नहीं?
मौत वाली रात जब छात्र रात 2 बजे तक नही आया तो उसकी जानकारी क्यों नहीं ली गई?
मृतक की तिल्ली कैसे फटी,जिससे उसकी मौत होना बताया जा रहा है?
मृतक छात्र के शरीर पर चोट के निशान कैसे लगे?
छात्र की मौत के बाद से ही हॉस्टल अधिक्षक की गतिविधियां संदिग्ध क्यों है?
हॉस्टल में रहने वाले कर्मचारियों को क्यों चुप किया गया?
मृतक छात्र मौत वाली रात ढाबे पर रात 11 बजे क्या कर रहा था और उसके साथ कौन कौन था,वहां ऐसा क्या हुआ जिससे के बाद उसकी तिल्ली फट गई और उसकी मौत हो गई?

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