सिस्टम की बेरहमी : जिला चिकित्सालय में चार दिन बाद भी नहीं हुआ ऑपरेशन तो निजी अस्पताल पहुंचा पीड़ित परिवार
परिजनों ने लगाया आरोप, पैसे नहीं देने पर मेडिकल कॉलेज कर दिया था रेफर
अज्ञात ने जिला अस्पताल पर लगाए गंभीर आरोप
मध्य प्रदेश: शहडोल जिला अस्पताल में भर्ती होने के चार दिन बाद भी ऑपरेशन नहीं होने और बुधवार को मेडिकल कॉलेज के लिए रैफर कर बेड से उतार देने के बाद मरीज लीलावती ने अब इलाज के लिए निजी अस्पताल की शरण ली है। लीलावती को जिला अस्पताल में चार दिन तक भर्ती कर ऑपरेशन नहीं किया गया। पति देउमन ने बताया था कि उसे पथरी के ऑपरेशन के लिए 15 और
बच्चेदानी के ऑपरेशन के लिए 35 हजार रूपए का हिसाब बताया गया।जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ. जीएस परिहार ने बताया कि पैसे का हिसाब बताने मामले में जांच के लिए कलेक्टर को चिट्ठी लिखी है। इस बीच बुधवार को देउमन पत्नी लीलावती को लेकर रिश्तेदार के घर सलैया लेकर गए और गुरूवार को जिला अस्पताल पहुंचे तो अवकाश के कारण भर्ती नहीं किया गया तो लीलावती को
परेशान होकर निजी अस्पताल में भर्ती होना पड़ा देउमन ने बताया कि लीलावती के आगे का इलाज अब निजी अस्पताल में करवाएंगे। देखना यह है कि यहां आयुष्मान कार्ड का लाभ मिलता है कि नहीं। इधर, लीलावती के इलाज मामले में सिस्टम की बेहरमी को खुलकर सामने ला दिया। जिला अस्पताल में गुरूवार को लीलावती को भर्ती करने में इसलिए समस्या आई क्योंकि अवकाश का दिन था। इससे पहले बुधवार को भी अवकाश के कारण ही इलाज में कठिनाई हुई। समस्या बताने के लिए अस्पताल में ढूंढ़ने पर डॉक्टर नहीं मिल रहे थे।
वहीं सर्जरी के लिए पैसा मांगने का मामला जब तूल पकड़ते दिखाई दिया, तो प्रबंधन इस मामले में जांच कराकर दोषी चिकित्सक के विरुद्ध कार्रवाई करने की बात कही। जबकि इसके पहले भी इलाज के नाम पर पैसा लेने के कई मामले सामने आ चुके हैं। इसके बाद भी प्रबंधन की तरफ से ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही। जिसके कारण चिकित्सकों के हौसले बुलंद होते जा रहे हैं।
दबाव बनाकर जांच रिपोर्ट करते हैं तैयार
जिला अस्पताल में ऑपरेशन के नाम पर पैसा मांगने का यह कोई नया मामला नहीं है। आए दिन यहां सर्जरी के नाम पर मरीजों से मोटी रकम वसूल की जाती है। 11 जनवरी को भी एक आदिवासी युवक के पेट का ऑपरेशन करने के लिए 6 हजार रुपए की मांग की गई थी। इसके बाद 4 हजार रुपए लेकर ऑपरेशन कर दिया गया था। मामला जब तूल पकड़ा तो मरीज पर दबाव बनाकर पैसा नहीं लिए जाने का प्रबंधन ने रिपोर्ट तैयार कर लिया और दोषी चिकित्सक को क्लीन चिट दे दिया गया। जबकि युवक अपने बयान में अपनी बीमारी व पैसा देने की बात स्पष्ट रूप से बता रहा था। वहीं विधायक के ड्राइवर से भी ऑपरेशन के नाम पर पैसा लिया गया था, इसके साथ ही खन्नौधी निवासी तीन वर्षीय बालक का पैसे न देने पर गलत ऑपरेशन कर दिया गया था। जिसकी शिकायत परिजनों ने कलेक्टर, कमिश्नर सहित अन्य अधिकारियों से की थी। जिसके बाद एक चिकित्सक को प्रबंधन ने कुछ दिनों के लिए निलंबित कर दिया था। वहीं कुछ दिनों बाद फिर से सर्जरी विभाग में पदस्थ कर दिया।
कलेक्टर ने कहा टीम गठित कर कराएंगे जांच, दोषियों पर होगी दंडात्मक कार्रवाई यह सिर्फ शांतवना मात्र अज्ञात ने कहा नहीं है कलेक्टर के जवाब से संतुष्ट।
कलेक्टर ने कहा जांच के बाद करेंगे कार्रवाई
जिला चिकित्सालय में पथरी व बच्चेदानी का ऑपरेशन के नाम पर पैसा मांगने के मामले को संज्ञान में लेते हुए कलेक्टर ने जांच टीम गठित कर रिपोर्ट मंगाई है। कलेक्टर तरुण भटनागर ने कहा कि पूर्व में भी पैसे लेने की शिकायत आई थी, जिसकी जांच रिपोर्ट आ चुकी है। वहीं बुधवार को महिला के आपरेशन के लिए पैसों की मांग करने की शिकायत मिलने पर जांच टीम गठित की गई है, जैसे ही जांच रिपोर्ट आती है दोषी चिकित्सकों पर दण्डात्मक कार्रवाई की जाएगी।
शहडोल में अज्ञात ने लगाई सरकार से इंसाफ की गुहार!
श्रीमान् महोदय जी, जिला अध्यक्ष शहडोल (म०प्र०) श्रीमान् महोदय जी जब जांच करने की टीम गठित हो गई जांच करने के लिए स्वास्थ्य चिकित्सालय के भ्रष्ट अधिकारी ही रहेगे। दो साल पहले माननीय उच्च न्यायालय ने आदेश किया एक प्राईवेट हास्पिटल की जांच करने का। वे प्राईवेट हास्पिटल जिला मुख्यालय के बगल में है पाली रोड शहडोल (म०प्र०) और उस हास्पिटल में कई मरीजों की मृत्यु हो गई और जान चली गई उस हास्पिटल में जांच करने के लिये सी०एम०ओ० एम०एस०सागर पूर्व में भ्रष्ट अधिकारी रहा। उसने जांच करने के लिये टीम गठित किया जांच करने वालों की टीम गठित हुई। जो वर्तमान में सी०एम०ओ० डॉ० ए०के० लाल गठित हुई टीम में रहे। डॉ० हीरालाल शुक्ला, डॉ० वाई के पासवान जांच करने वालों की टीम गठित हुई। उस प्राइवेट हास्पिटल का प्रबंधक द्विवेदी जांच करने वाली टीम को मुँह मांगा पैसा दिया। स्वास्थ चिकित्सालय के भ्रष्ट अधिकारी व डॉक्टरों को पैसों के सीवय कुछ नहीं दिखता है। गरीबों से भी पैसा खून जैसे चूसते हैं। श्रीमान् महोदय जी जो टीम जांच करने आयेगी वही वैसे ही जांच करेगी और माननीय उच्च न्यायालय के आदेश के बाद भी भ्रष्ट अधिकारी ईमानदारी से जांच नहीं करते हैं। आज उस प्राइवेट हास्पिटल का प्रबंधक द्विवेदी हत्यारा पैसों की दम पर आजाद घूम रहा है। अगर भ्रष्ट अधिकारी लोग ईमानदारी से जांच करते तो उस प्राइवेट हास्पिटल का प्रबंधक द्विवेदी जेल हवालात के अंदर रहता आज।
अज्ञात ने कहा इंसाफ मिलने में क्यों लग रही है इतनी देरी
अज्ञात के परिवारजन भी हो चुके हैं निजी अस्पताल के शिकार और आरोपी घूम रहे हैं आजाद अज्ञात व्यक्ति ने कहा कि आरोपियों पर सबसे सख्त कार्रवाई हो और मुझे इंसाफ दिलाया जाए।
ई खबर मीडिया के लिए हरियाणा ब्यूरो देव शर्मा की रिपोर्ट