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जल स्त्रोतों के संरक्षण एवं संवर्धन समाज की अधिक से अधिक भागीदारी हो- पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री पटेल

नदियों को पुर्नजीवित करने और पर्यावरण संरक्षण के लिए अधधिक से अधिक पोधरोपड़ करना होगा- पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री पटेल

पंचायत एवं ग्रामीण विकास तथा श्रम मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल 12 जून को आष्टा में आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए
आष्टा। प्रदेश के पंचायत एवं ग्रामीण विकास तथा श्रम मंत्री श्री प्रहलाद सिंह पटेल 12 जून को प्रात: 7:30 बजे डोडी आष्टा से प्रस्थान कर 8:30 बजे पीथापुरा ग्राम गोविंदपुरा (सिद्धिकगंज) आष्टा पहुंचें। यहां आपने जल गंगा संवर्धन अभियान के तहत आयोजित कार्यक्रम में विधायक श्री गोपालसिंह इंजीनियर, जिला भाजपा महामंत्री श्री धारा सिंह पटेल, नगर भाजपा मंडल अध्यक्ष श्री अतुल शर्मा आदि के साथ शामिल हुए।इस अवसर पर एसडीएम श्रीमती स्वाति उपाध्याय मिश्रा, एसडीओपी श्री आकाश अमलकर आदि उपस्थित थे।कार्यक्रम के पश्चात मंत्री श्री पटेल देवास के लिए प्रस्थान किया।

पंचायत एवं ग्रामीण विकास तथा श्रम मंत्री श्री प्रहलाद सिंह पटेल जिले के आष्टा के ग्राम गोविंदपुरा, सिद्दीकगंज में जल गंगा संवर्धन अभियान के तहत आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुये। मंत्री श्री पटेल आष्टा में आयोजित एक कार्यक्रम में पार्वती नदी के उद्गम स्थल पर विस्तार से चर्चा करते हुए कहा कि पार्वती नदी के किनारे हर एक व्यक्ति को एक पौधा अवश्य लगाना चाहिये। इसके साथ ही वर्षा के जल को अधिक से अधिक रोकने के लिए प्रयास करना होगा। जहॉं भी जगह हो पानी को रोका जाए। उन्होंने कहा कि जल गंगा संवर्धन अभियान का उद्देश्य है कि जन समुदाय की भागीदारी से सभी जल स्रोतों का संरक्षण एवं संवर्धन किया जाए।

मंत्री श्री पटेल ने कहा कि जीवन में सभी लोग पूजा पाठ करते हैं। मॉ पार्वती नदी एक प्रकार से हमारी जीवनदायिनी मॉ है। ये हमारे जीवन को उज्जवल और उन्नत करने में सहायक होती है । ग्रामीण क्षेत्र हो या शहरी क्षेत्र हो, हर व्यक्ति को विशेष अवसर पर अपने परिजनों, विशेष व्यक्तियों की याद में एक पौधा अवश्य लगाना चाहिए और उसकी देखरेख भी नियमित रूप से करना चाहिये।

उन्होंने कहा कि जिस तरह हरियाली कम हो रही है उसे देखते हुए अनुमान लगाया जा रहा है कि 40-50 साल बाद क्या स्थिति होगी। मॉ नर्मदा में पानी नहीं होगा तब जीवन कितना कठिनाइयों से भरा होग। पहले की पार्वती नदी की स्थिति और आज पार्वती नदी की स्थिति कैसी है। नदी किनारे जो पौधे थे उनका नष्ट होने का दुश्परिणाम देखने मिल रहे हैं। उन्होंने कहा कि आने वाली पीढ़ी के सुरक्षित और स्वस्थ्य जल संरक्षण और पौघा लगाने का संकल्प प्रत्येक व्यक्ति को लेना होगा। जहां भी खाली जगह हो वहां पौधरोपण करना होगा।

नदी को मॉ का दर्जा दिया गया है। जिस मां ने हमें पैदा किया है उसकी चिंता करना हमारा कर्तव्य है । नदी उदगम स्थल को जीवित बनाए रखने के लिए उसका संरक्षण और संवर्धन करना होगा। यदि हम नदियों के पास पौधे लगाएं तो यह पूजा पाठ से कम नही है । उन्होंने कहा कि जो पौधे लगाए हैं, उनको 95 फ़ीसदी से 97 फ़ीसदी तक बचाने का संकल्प लेना होगा। कार्यक्रम में आष्टा विधायक श्री गोपाल सिंह इंजीनियर ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर जनपद अध्यक्ष दीक्षा सोनू गुणवान, जिला पंचायत सीईओ श्री आशीष तिवारी सहित अन्य अधिकारी कर्मचारी एवं जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।

ई खबर मीडिया के लिए आष्टा राजकुमार पाल की रिपोर्

 

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