भाई की मौत के बाद बनी पति-पत्नी की कहानी: देवर रोदर तापी की अपील—प्रशासन करे मदद
स्थान: दिल्ली बसंत विहार
तारीख: 2010
एक अनोखी और जटिल पारिवारिक स्थिति से गुजर रहे रोदर तापी ने प्रशासन और मीडिया से मदद की गुहार लगाई है। घटना दिल्ली की है, जहां एक व्यक्ति अपने भाई की मौत के बाद पारिवारिक जिम्मेदारियों को निभाने के लिए अपनी भाभी से विवाह कर चुका है।
घटना का विवरण:
स्वर्गीय सोचित की शादी 2005 के पहले में हुई थी, लेकिन कुछ वर्षों बाद उनकी मृत्यु हो गई। भाई की मौत के बाद परिवार ने सामाजिक परंपराओं और बच्चों की देखभाल के लिए देवर रोदर तापी और भाभी सजनी देवी से 2010 में विवाह कर दिया। शुरुआत में सबकुछ ठीक चला, लेकिन पिछले डेढ़-दो वर्षों से सजनी देवी का किसी अन्य व्यक्ति से प्रेम संबंध हो गया।
सजनी देवी अब ऐसी स्थिति में है कि वह अपने वर्तमान पति (देवर) रोदर तापी के साथ भी रहना चाहती है और अपने प्रेमी के साथ भी संबंध बनाए रखना चाहती है। इस दोहरे जीवन से परेशान रोदर तापी अब महिला से अलग होकर अपने दिवंगत भाई के बच्चों की परवरिश करना चाहता है।
डर और साजिश की आशंका:
रोदर तापी ने मीडिया को बताया कि उसे डर है कि उसकी पत्नी और उसका प्रेमी मिलकर उसके खिलाफ कोई साजिश न रच लें। वह महिला के इरादों को लेकर चिंतित है और चाहता है कि उसे कानूनी और सामाजिक मदद मिले ताकि वह शांति से अपने जीवन को आगे बढ़ा सके और बच्चों की देखभाल कर सके।
प्रशासन से अपील:
रोदर तापी ने प्रशासन से निवेदन किया है कि उसकी पत्नी के साथ उसके रिश्ते को कानूनी रूप से समाप्त करने में सहायता की जाए। साथ ही, वह यह सुनिश्चित करना चाहता है कि सजनी देवी और उसके प्रेमी द्वारा कोई धोखाधड़ी या षड्यंत्र न किया जाए।
समाज और कानून की जिम्मेदारी:
इस मामले ने समाज में पारिवारिक जिम्मेदारियों, नैतिकता और कानूनी सहायता की आवश्यकता को एक बार फिर उजागर किया है। विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे मामलों में कानून और समाज को मिलकर पीड़ित पक्ष की मदद करनी चाहिए।
समाधान का रास्ता:
1. कानूनी सहायता: व्यक्ति को अपने अधिकारों की रक्षा के लिए परिवार कानून विशेषज्ञ से सलाह लेनी चाहिए।
2. प्रशासनिक हस्तक्षेप: महिला और उसके प्रेमी पर उचित जांच होनी चाहिए ताकि किसी भी प्रकार के षड्यंत्र को रोका जा सके।
3. परामर्श और मध्यस्थता: परिवार और सामाजिक संस्थाओं की मदद से मामले का हल निकाला जा सकता है।
रोदर तापी ने मीडिया और प्रशासन से इस जटिल स्थिति में न्याय की गुहार लगाई है। अब देखना यह होगा कि प्रशासन किस प्रकार इस मामले में न्यायसंगत समाधान प्रदान करता है