13 वर्षीय श्रीशांत कुमार: बिहार के छोटे से गांव से सोशल मीडिया पर नई ऊंचाइयां छूने की चाह
खगड़िया जिले के छोटे से गांव देवरी के 13 वर्षीय युवक, श्रीशांत कुमार, अपनी कड़ी मेहनत और सोशल मीडिया के जरिए अपनी पहचान बनाने की दिशा में तेजी से बढ़ रहे हैं। उनका इंस्टाग्राम अकाउंट @shreesant762 के नाम से एक नई शुरुआत है, जहां वह अपनी वीडियो और कंटेंट के माध्यम से न केवल अपनी मेहनत और हुनर को दिखा रहे हैं, बल्कि पूरे राज्य, गांव और देश का नाम रोशन करने का सपना भी देख रहे हैं।
सोशल मीडिया के माध्यम से अपनी पहचान बनाने का सपना
श्रीशांत ने सोशल मीडिया को अपनी सफलता का एक महत्वपूर्ण जरिया माना है। वे मानते हैं कि इस प्लेटफार्म के जरिए वह अपनी आवाज और विचारों को पूरी दुनिया तक पहुंचा सकते हैं। हालांकि, उनकी उम्र केवल 13 वर्ष है, लेकिन उनके हौसले और संघर्ष की कहानी कहीं न कहीं बड़ी हो चुकी है। उनके इंस्टाग्राम अकाउंट पर पोस्ट की गई वीडियो अब तेजी से वायरल हो रही हैं और इससे उनके चाहने वालों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है।
श्रीशांत का सपना है कि वह एक दिन सोशल मीडिया पर बड़े सितारे की तरह उभरें, और यह सफर केवल एक व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं, बल्कि उनके गांव, राज्य और देश के लिए भी गर्व का कारण बने। वह समझते हैं कि अगर एक छोटे से गांव का बच्चा भी सोशल मीडिया के माध्यम से सफलता हासिल कर सकता है, तो यह युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगा।
परिवार की गरीबी को मिटाने की चाहत
श्रीशांत की इस यात्रा में सबसे बड़ी प्रेरणा उनके पिता पंकज यादव हैं, जो अपने बेटे को आगे बढ़ने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं। श्रीशांत ने अपील की है कि लोग उनकी वीडियो को लाइक, शेयर और सब्सक्राइब करें ताकि वह सोशल मीडिया पर अपनी पहचान बना सकें। उनका कहना है कि यह उनकी मेहनत का फल होगा और इससे न सिर्फ उनका, बल्कि उनके परिवार की गरीबी भी दूर हो सकेगी। श्रीशांत का मानना है कि सोशल मीडिया का यह प्लेटफार्म उन्हें आर्थिक स्वतंत्रता दिलाएगा और वह अपने परिवार के लिए एक बेहतर भविष्य बना सकेंगे।
आशा और संघर्ष की मिसाल
13 वर्षीय श्रीशांत कुमार, जो देवरी गांव से निकलकर अपने सपनों को पूरा करने के लिए सोशल मीडिया के प्लेटफॉर्म पर काम कर रहे हैं, एक मिसाल पेश कर रहे हैं। उनके इस संघर्ष में न केवल परिवार का समर्थन है, बल्कि गांव के लोग भी उनकी सफलता की उम्मीद में उसका हौसला बढ़ा रहे हैं। श्रीशांत की यह यात्रा सिर्फ उनके लिए नहीं, बल्कि बिहार के उन हजारों बच्चों के लिए प्रेरणा है, जो गरीबी और संघर्ष के बावजूद अपने सपनों को साकार करने की कोशिश कर रहे हैं।
श्रीशांत ने अब तक जितना हासिल किया है, वह सिर्फ शुरुआत है। उनका मानना है कि अगर लोग उनके वीडियो को लाइक, शेयर और सब्सक्राइब करेंगे, तो वह जल्द ही अपने सपनों को हकीकत में बदलने में सफल होंगे। वह चाहते हैं कि उनका नाम न केवल बिहार में, बल्कि पूरे भारत में जाना जाए और वह अपने राज्य, गांव, और देश का नाम रोशन करें।
इस युवा लड़के के सपने बड़े हैं, और उसे पूरा करने के लिए वह पूरी तरह से समर्पित हैं। यह कहानी न केवल श्रीशांत की है, बल्कि उन सभी बच्चों की है जो अपनी मेहनत और लगन से दुनिया को बदलने का सपना देखते हैं।
ई खबर मीडिया के लिए देव शर्मा की रिपोर्ट