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सिंगरौली: पत्नी के अचानक लापता होने से परिवार पर टूटा संकट, पुलिस भी कर रही है कार्यवाही

सिंगरौली जिले के नौगढ़ गांव में रहने वाले लाल बहादुर केवट का परिवार इन दिनों गहरे संकट से गुजर रहा है। 32 वर्षीय लाल बहादुर अपनी पत्नी सीता केवट और दो बच्चों, नीरज (10 वर्ष) और काजल (9 वर्ष), के साथ शांतिपूर्ण जीवन व्यतीत कर रहे थे। लेकिन 29 सितंबर 2024 को एक ऐसी घटना घटी जिसने परिवार की खुशियों को गहरा आघात पहुंचाया।

लाल बहादुर अपने बेटे नीरज के साथ झारखंड स्थित बम भोले के दर्शन के लिए गए थे। इस दौरान, उनकी पत्नी सीता ने लाल बहादुर को फोन कर बताया कि उनके मामा का लड़का छोटू उर्फ विक्की कुमार उनके घर आया है। साथ ही, सीता ने विक्की की तस्वीर भी लाल बहादुर को भेजी। लेकिन जब लाल बहादुर अपने गांव लौटे, तो उनके पिता ने विक्की को पहचानने से इनकार कर दिया।

घटना के अगले दिन, 28 सितंबर को, लाल बहादुर अपनी ड्यूटी पर चले गए। नीरज अस्पताल में अपने परिवार के किसी सदस्य से मिलने गया और काजल स्कूल। घर पर सीता अकेली थी। 29 सितंबर 2024 को सुबह 11 बजे सीता अचानक घर से गायब हो गईं। साथ ही, वह अपने साथ पैन कार्ड, वोटर आईडी, पासबुक, आधार कार्ड, मोबाइल फोन और करीब 1 लाख रुपये के जेवर लेकर चली गईं।

लाल बहादुर ने इस घटना की सूचना तुरंत पुलिस को दी और शिकायत दर्ज करवाई। हालांकि, घटना को कई दिन बीत चुके हैं, लेकिन अब तक पुलिस सीता का कोई सुराग नहीं लगा पाई है। ना कोई कॉल आया, ना कोई संदेश।

परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़
सीता के लापता होने के बाद से लाल बहादुर अकेले ही अपने बच्चों और पिता की देखभाल कर रहे हैं। वह बच्चों की पढ़ाई, घर के काम और भोजन समेत हर जिम्मेदारी निभाने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन अपनी पत्नी की गुमशुदगी से वह बेहद परेशान हैं।

लाल बहादुर ने मीडिया और प्रशासन से अपील की है कि उनकी पत्नी की तलाश में मदद की जाए। इस घटना ने पूरे गांव को भी हिला कर रख दिया है। ग्रामीण भी इस घटना को लेकर चिंतित हैं और उम्मीद कर रहे हैं कि पुलिस जल्द ही सीता का पता लगाएगी।

पुलिस की जांच जारी
स्थानीय पुलिस ने बताया कि मामले की जांच तेजी से की जा रही है। सीता के लापता होने के पीछे के कारणों का पता लगाने के लिए कॉल डिटेल्स और अन्य साक्ष्यों की जांच की जा रही है। पुलिस ने यह भी कहा कि जल्द ही परिवार को राहत देने की कोशिश की जाएगी।

इस घटना ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि ऐसे मामलों में परिवार और समाज को कैसे सतर्क रहना चाहिए। लाल बहादुर और उनके परिवार को न्याय मिलना चाहिए ताकि उनका जीवन फिर से सामान्य हो सके।

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