समस्तीपुर: जमीन विवाद में सिविल कोर्ट के आदेश के बावजूद घर बनाने में रोकथाम
सिविल कोर्ट के आदेशों के बावजूद नहीं बनने दिया जा रहा घर: पीड़ित परिवार न्याय के लिए दर-दर भटक रहा
समस्तीपुर : मधुरापुर गाँव के निवासी सत्रोहन साहनी ने बताया कि उनके पिता शंकर साहनी को सिविल कोर्ट से जमीन पर डिग्री मिल चुकी है, फिर भी दबंग लोग उन्हें घर बनाने से रोक रहे हैं। बिना किसी नोटिस के उन्हें घर बनाने से रोका जा रहा है। सत्रोहन साहनी के अनुसार, एसडीओ साहब ने बताया कि जमीन पर कोई केस नहीं है, फिर भी पिछले एक साल से आवेदन करने के बावजूद न्याय नहीं मिल रहा है।
बिना नोटिस के धारा 144, न्यायालय आदेश की अवहेलना
सत्रोहन साहनी ने कहा कि बिना नोटिस के 18-3-2023 को धारा 144 लगाना और न्यायालय द्वारा दिए गए आदेशों की अवहेलना करना संवेदनशील विषय है। अधिकारियों और कर्मचारियों को यह अधिकार किसने दिया कि वे न्यायालय के आदेशों की अवहेलना करें? धारा 144, 6 महीने तक ही रहती है 6 महीने से अधिक रखने का अधिकार उन्हें किसने दिया। उन्होंने बताया कि नोटिसों का अब तक कोई जवाब नहीं दिया गया है।
मुख्यमंत्री से इंसाफ की गुहार
सत्रोहन साहनी ने मीडिया के माध्यम से मुख्यमंत्री बिहार से अपील की है कि इस मामले में हस्तक्षेप कर पीड़ित परिवार को न्याय दिलाया जाए और उनके नुकसान की भरपाई की जाए। उन्होंने आरोप लगाया कि थाना द्वारा बिना किसी नोटिस के एक लाख का सामान बर्बाद कर दिया गया और उनके परिवार को घर बनाने से रोक दिया गया।
प्रशासन की मिलीभगत से परेशान
सत्रोहन साहनी ने जानकारी दी कि उनके दादा के नाम की जमीन को उनकी दादी ने चाचा के नाम कर दी थी। इस पर कोर्ट में केस किया गया और कोर्ट ने शंकर साहनी के पक्ष में फैसला सुनाया। बावजूद इसके, प्रशासन की मिलीभगत से उनके परिवार को परेशान किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि थाना प्रभारी, मिथिलेश पासवान चौकीदार और शिवाजी नगर के सीओ साहिबा की मिलीभगत से धारा 144 लगाकर उनके घर बनाने पर रोक लगाई गई है। सत्रोहन ने आरोप लगाया कि पुलिस और प्रशासन ने उनके घर का सामान भी बर्बाद किया है और इसका मुआवजा मांगा है।
सत्रोहन साहनी ने मीडिया के माध्यम से सरकार से अपील की है कि उनके घर को बनने दिया जाए और दोषी अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की जाए।
पीड़ित नाम : सत्रोहन साहनी
पिता : शंकर साहनी
ग्राम : मधुरापुर, थाना हथौड़ी
जिला : समस्तीपुर
ई खबर मीडिया के लिए ब्यूरो देव शर्मा की रिपोर्ट