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BIMSTEC के विदेश मंत्रियों के सम्मेलन में बोले एस जयशंकर- यह नेबरहुड फर्स्ट, एक्ट ईस्ट पॉलिसी और सागर विजन का प्रतिनिधित्व

BIMSTEC Foreign Ministers Retreat भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गुरुवार को नई दिल्ली में आयोजित BIMSTEC के विदेश मंत्रियों के सम्मेलन को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि भारत के लिए BIMSTEC नेबरहुड फर्स्ट एक्ट ईस्ट पॉलिसी और सागर विजन का प्रतिनिधित्व करता है। साथ ही उन्होंने इसकी महत्ता बताते हुए कई अन्य अहम बातें कहीं।

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बे ऑफ बंगाल इनिशिएटिव ऑन मल्टी-सेक्ट्रल टेक्निकल एंड इकोनॉमिक कोऑपरेशन, BIMSTEC के साथ भारत के रणनीतिक महत्व को स्पष्ट किया। उन्होंने नेबरहुड फर्स्ट, एक्ट ईस्ट पॉलिसी और सागर विजन जैसे देश के व्यापक वैश्विक राजनीतिक संदर्भ में इसके महत्व पर प्रकाश डाला।

गुरुवार को नई दिल्ली में बिम्सटेक विदेश मंत्रियों के रिट्रीट को संबोधित करते हुए एस जयशंकर ने कहा, ‘भारत के लिए बिम्सटेक उसके ‘नेबरहुड फर्स्ट’ दृष्टिकोण, ‘एक्ट ईस्ट पॉलिसी’ और ‘सागर’ दृष्टिकोण का प्रतिनिधित्व करता है। इनमें से प्रत्येक प्रयास बंगाल की खाड़ी पर विशेष ध्यान देने के साथ किया जा रहा है, जहां सहयोगात्मक क्षमता है।’

पिछले प्रयास से हुआ फायदा: एस जयशंकर

विदेश मंत्री ने ने आगे कहा, ‘हमारी चुनौती इसे बेहतरी के लिए बदलना और इसे तेजी से करना है। रिट्रीट के माध्यम से स्पष्टता और फलदायी रूप से विचारों का आदान-प्रदान करना है। बैंकॉक में इस तरह के पिछले प्रयास से हम सभी को फायदा हुआ।’

पिछले प्रयास से हुआ फायदा: एस जयशंकर

विदेश मंत्री ने ने आगे कहा, ‘हमारी चुनौती इसे बेहतरी के लिए बदलना और इसे तेजी से करना है। रिट्रीट के माध्यम से स्पष्टता और फलदायी रूप से विचारों का आदान-प्रदान करना है। बैंकॉक में इस तरह के पिछले प्रयास से हम सभी को फायदा हुआ।’एस जयशंकर ने शिखर सम्मेलन के महत्व पर जोर देते हुए कहा, “इसका अब विशेष महत्व है, क्योंकि यह वर्ष के अंत में होने वाले शिखर सम्मेलन के लिए मजबूत परिणाम तैयार करने का काम करता है। हमारा संदेश स्पष्ट होना चाहिए – कि हम सभी नई ऊर्जा, नए संसाधन और बंगाल की खाड़ी के देशों के बीच सहयोग में एक नई प्रतिबद्धता का संचार करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”बिम्सटेक के हालिया घटनाक्रम पर प्रकाश डालते हुए जयशंकर ने कहा, “बिम्सटेक चार्टर शुरुआत के लिए इस साल 20 मई से लागू हो गया है। वैश्विक और क्षेत्रीय विकास ने यह भी जरूरी बना दिया है कि हम आपस में और अधिक समाधान खोजें।”

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