चुनावी रण में भाजपा अपने तरकश का सबसे बड़ा तीर छोडऩे की तैयारी में
मेरठ। UP Chunav 2022 चुनावी रण में भाजपा अपने तरकश का सबसे बड़ा तीर छोडऩे की तैयारी में है। पार्टी ने अपने सबसे बड़े योद्धा और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मेरठ में एक बार फिर बड़ी रैली कराने की योजना बनाई है। कोविड प्रोटोकाल 23 जनवरी को हटा तो भाजपा दिग्गजों के जमावड़े से नया चुनावी माहौल बनाएगी। कोविड प्रोटोकाल से पहले दो जनवरी को पीएम नरेन्द्र मोदी की रैली सरधना में हुई थी, जिसमें सिर्फ मेरठ, मुजफ्फरनगर के ही चेहरे थे। 2017 विस चुनाव से पहले शताब्दीनगर में, जबकि 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले मेरठ में पश्चिम उप्र को साधने के लिए नरेन्द्र मोदी की बड़ी रैली की गई थी। भाजपा की दृष्टि से पश्चिम क्षेत्र में 14 जिलों की 71 विस सीटों को शामिल किया जाता है।
स्टार प्रचारकों को बुलाने की रणनीति
पश्चिम की राजनीतिक प्रवृत्ति चुनावी समीकरण बदल देती है। इसे राजनीति की प्रयोगशाला कहा जाता है। कोविड प्रोटोकाल में राजनीतिक रैलियों पर रोक है। भाजपा के पास स्टार प्रचारकों की बड़ी टीम है। भाजपा और सपा के बीच इंटरनेट मीडिया पर आरोप-प्रत्यारोप जारी हैैं। पहले चरण में दस फरवरी को मेरठ समेत पश्चिम की 67 सीटों पर चुनाव होगा। भाजपा समेत सभी दल डिजिटल प्रचार कर रहे हैं, लेकिन प्रचार का पारा चढ़ नहीं पा रहा।
कई योद्धाओं को बुलाने की तैयारी
पश्चिमी उप्र की राजधानी कहलाने वाले मेरठ में प्रचार के लिए पार्टी ने पीएम नरेन्द्र मोदी, अमित शाह, राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, सीएम योगी आदित्यनाथ और नितिन गडकरी को बुलाने की रणनीति बनाई है। क्षेत्रीय महामंत्री हरीश ठाकुर का कहना है कि पार्टी डिजिटल प्लेटफार्म पर सघन संपर्क अभियान चलाने के साथ शक्तिकेंद्रों पर बैठक भी करेगी। कोविड प्रोटोकाल हटते ही दिग्गजों की चुनावी रैलियां कराई जा सकती हैैं।
चुनावी पैमाने पर खास है पश्चिम उप्र
उत्तर प्रदेश का चुनावी शंखनाद पश्चिम से होता है। किसान आंदोलन की धुरी रहने के साथ ही किसानों के ज्यादातर भावनात्मक मुद्दे यहीं से तय होते हैं। मुजफ्फरनगर दंगों और कैराना पलायन पर भाजपा लगातार अखिलेश सरकार पर हमलावर है। पश्चिम में औद्योगिक गतिविधियां तेज करने के साथ ही भाजपा सरकार ने सड़कों का नेटवर्क खड़ा करने का प्रयास किया है। प्रदेश का पहला खेल विवि मेरठ में बन रहा है। पिछले दिनों सीएम योगी ने यहां ओलंपिक खिलाडिय़ों को सम्मानित किया था। सहारनपुर में मां शाकुम्भरी देवी विवि बनाने के राजनीतिक मायने भी हैं। देवबंद में एटीएस कमांडो ट्रेनिंग सेंटर एवं कैराना के पास पीएसी ट्रेनिंग कैंप बनाया जा रहा है।