नए कानून, पुराने रखवाले: क्या भ्रष्टाचार पर लगेगी लगाम?
जनता को न्याय दिलाने में नए कानून कितने कारगर?
मध्य प्रदेश जिला शहडोल 1 जुलाई से भारत में नए कानून लागू होने जा रहे हैं। लेकिन सवाल उठता है कि क्या ये नए कानून जनता को न्याय दिलाने में सक्षम होंगे? कानून बदल सकते हैं, लेकिन उन्हें लागू करने वाले अधिकारी वही पुराने और भ्रष्ट लोग ही रहेंगे। इन अधिकारियों के रहते, कानून का सही इस्तेमाल हो पाएगा या नहीं, यह एक बड़ी चिंता का विषय है। लोकसभा और राज्यसभा के सांसद भी इस पर नजर नहीं रखते कि कानून का सही इस्तेमाल हो रहा है या नहीं।
कानून रखवाले के.नुमाइन्दे नए कब आएंगे. आम जनता पब्लिक इन लोगों के पास. ही जाती है
25 साल पुरानी गोरखनाथ ड्राइवर की घटना:
शहडोल जिले के पेपरमिल ओपीएम अमलाई से एक ट्रक बनारस के लिए रवाना हुआ। ट्रक ट्रांसपोर्ट मालिक ने पेपर दूसरी जगह खाली करवा दिया और ड्राइवर गोरखनाथ को फंसाने की साजिश रची। पुलिस ने ड्राइवर को गिरफ्तार कर उसे प्रताड़ित किया, जिससे उसकी लॉकअप में मृत्यु हो गई। बाद में, उच्चतम न्यायालय ने दोषी अधिकारियों को सजा सुनाई।
श्रीराम हेल्थ केयर सेंटर की अनियमितताएँ:
शहडोल के श्रीराम हेल्थ केयर सेंटर में डायलिसिस के दौरान कई महिलाओं की मृत्यु हो चुकी है। शिकायत के बावजूद, जिला प्रशासन ने झूठी रिपोर्ट बनाकर मामले को दबाने की कोशिश की।
नए कानूनों का प्रभाव:
नए कानूनों के लागू होने से जनता को न्याय मिलना मुश्किल है। भ्रष्ट अधिकारियों के रहते, न्याय प्रणाली में सुधार की उम्मीद करना कठिन है। पिछले अनुभवों से साबित होता है कि अधिकारियों का पक्षपातपूर्ण रवैया और भ्रष्टाचार आम जनता के लिए बड़ा संकट है।
दिल्ली बेबी केयर सेंटर हादसा: प्रशासन की तत्परता सराहनीय
नई दिल्ली बेबी केयर सेंटर हॉस्पिटल में आग लगने से 9 बच्चों की मृत्यु हो गई। दिल्ली पुलिस प्रशासन ने तेजी से कार्रवाई करते हुए हॉस्पिटल के मालिक को गिरफ्तार किया। श्रीमान महोदय, मैं उन अधिकारियों को अपनी तरफ से इनाम स्वरूप एक राशि भेंट करना चाहता हूं।
राजेश कुमार विशनदासानी, शहडोल म.प्र.
शिकायत पत्र के अनुसार पूरा मामला:
लोकसभा संसद राज्यसभा संसद में जो नये कानून पास हुये है 01 जुलाई से भारत वर्ष में नये कानून लागू हो रहे है कानून तो नया आ जायेगा कानून के रखवाले तो नये नही रहेगें वे भ्रष्ट लोग ही रहेगें, कानून का सही इस्तेमाल हो रहा है कि दुरूपयोग हो रहा है न कोई लोकसभा का संसद और न राज्यसभा का संसद ये लोग तो नही देखते है कि कानून का सही इस्तेमाल हो रहा है कि दुरूपयोग हो रहा है, 25 साल पहले की घटना है पेपरमिल ओपीएम अमलाई जिला शहडोल उस पेपर मिल से पेपर का ट्रक लोड हुआ बनारस के लिये जहां पेपर खाली होना रहा ट्रक ट्रांसपोर्ट मालिक दूसरी जगह पेपर खाली करवा दिया जिस जगह पेपर खाली होना था वहां पेपर नही पहुंचा कई दिनो के बाद ट्रक ड्राइवर गोरखनाथ को पकडा गया ड्राइवर ने अपना बयान दिया कि जहां ट्रक ट्रांसपोर्ट मालिक ने बोला उसी स्थान पर मै खाली किया ट्रांसपोर्ट मालिक ने अपने ड्राइवर गोरखनाथ को पुलिस थाने शहडोल में बंद करवाकर पेपर बेचने की झूठी एफ.आई.आर. लिखवाया, थाना प्रभारी ने उस ड्राइवर को बहुत टार्चर किया थर्ड डिग्री का उपयोग किया लाकप के अंदर बहुत मारे पीटे फिर उस ड्राइवर की मृत्यु हो गई लॉकप के अंदर, फिर पूरा पुलिस थाना का स्टाफ थाना प्रभारी राजन टी.आई. और बाकी पुलिस स्टाफ शेर अली, शंखधर द्विवेदी यही पुलिस स्टाफ उस समय डियूटी पर रहे तभी ड्राइवर की मृत्यु हुई, पुलिस थाना स्टाफ ने ट्रक ट्रांसपोर्ट मालिक को बताया कि ड्राइवर की मृत्यु हो गई है फिर ट्रक ट्रांसपोर्ट मालिक बहुत पावरफुल रहा फिर वह बडे अधिकारियो से जाकर मिला उस समय पुलिस अधीक्षक बाई. के. एस. ठाकुर शहडोल के एस.पी. रहे जिलाध्यक्ष टी. धर्माराव रहे फिर उस ड्राइवर की डेड बॉडी मुख्य चिकित्सालय हास्पिटल में एडमिट करवाई गई उस डेड बॉडी का इलाज शुरू हो गया और मेडिसीन दवाई देना शुरू कर दी और बाटल लगाकर उसके बाडी में सलाइन चढाई गई शहडोल पुलिस प्रशासन ने यह साबित करना चाहती रही कि इनकी हास्पिटल में मृत्यु हुई है फिर उनके परिजनों को सूचना दी गई कि आपके पिता गोरखनाथ ड्राइवर की मृत्यु हो गई है, फिर ड्राइवर का बालक आया बालक ने पूछा कि हमारे पिता जी की कैसे मृत्यु हुई है पुलिस प्रशासन ने बताया कि पेपर बेचने के इल्जाम में इनको गिरफ्तार किया पुलिस लाकप में तुम्हारे पिता जी की तबियत खराब हो गई फिर स्वास्थ्य चिकित्सालय हास्पिटल में एडमिट करवाया वही दो दिन के बाद मृत्यु हो गई फिर बालक ने बोला कि हमारे पिता जी का पोस्ट मार्डम करवाया जाये पुलिस प्रशासन ने बोला कि हमने पोस्ट मार्डम पहले ही करवा लिये है उस बालक को पोस्ट मार्डम की रिपोर्ट भी दिखाये बालक ने बोला कि हमारे सामने दोबारा पोस्ट मार्डम होना चाहिये पुलिस प्रशासन ने बोला कि दोबारा पोस्ट मार्डम नही होगा फिर वह बालक शहडोल जिला प्रशासन अधिकारियों से जाकर मिला उस बालक के साथ कोई अधिकारी हमदर्दी नही दिखाया और उसके साथ कोई न्याय नही हुआ फिर बालक ने अपने पिता जी की डेड बॉडी लेने से इंकार कर दिया कुछ दिन के बाद उस डेड बॉडी को पुलिस प्रशासन ने अंतिम संस्कार कर दिया वह बालक ने शहडोल पुलिस प्रशासन के खिलाफ अपने पिता जी के न्याय हक के लिये लड़ाई लड़ना शुरू किया न्यायालय के शरण में गया फिर माननीय उच्च न्यायलय यू.पी. गया फिर माननीय उच्चतम न्यायालय तक गया वहां से उसको न्याय मिला फिर टी.आई. राजन सिंह, एस.आई. शंखधर द्विवेदी, कास्टेबिल शेर अली इन लोगो को माननीय उच्चतम न्यायलय ने दोषी करार दिया फिर इन तीनो लोगो को सजा सुनाई गई 2021 मई को, नया कानून लागू हो जायेगा तो जनता पब्लिक आम आदमी को न्याय थोडी मिलना है उनके साथ अन्याय ही होना है अधिकारी अफसर लोग आम जनता की बात नही सुनते है आरोपी की बात ज्यादा सुनते है और उनकी बात पर विश्वास करते है फरियादी सबूत भी पेश करेगा और गवाह भी पेश करेगा उनकी बात नही मानेगें और विश्वास नही करेगें, एक प्राइवेट हास्पिटल श्रीराम हेल्थ केयर सेन्टर शहडोल म०प्र० उस हास्पिटल में हमेशा मौते होती है कई डिलेवरी केश और डायलिसिस के कारण कई महिलाओ की मौते हो चुकी है उस हास्पिटल में, डायलिसिस गणेश कुशवाहा करता रहा उसके पास न कोई डिग्री रही और न कोई ज्ञान भी नही रहा डायलिसिस करने का फरियादी ने उस हास्पिटल के खिलाफ शिकायत किया जिला प्रशासन को फिर उसके बाद स्वास्थ्य चिकित्सालय शहडोल के डॉक्टर अधिकारी लोग उस श्रीराम हास्पिटल की जांच किये झूठी रिपोर्ट बनाये स्वास्थ्य चिकित्सालय सी.एम.ओ. एम.एस. सागर ने अपने स्टाफ, टेक्निशियन गोपीलाल की डिग्री लगाकर झूठी रिपोर्ट बनाकर जिलाध्यक्ष कलेक्टर और संभाग आयुक्त कमिश्नर को पेश किया शिकातयकर्ता फरियादी जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन को जाकर आवेदन दिया कि स्वास्थ्य चिकित्सालय सी.एम.ओ. एम.एस. सागर ने झूठी रिपोर्ट बनाया है शिकायतकर्ता ने गोपीलाल की वीडियो भी दिखाया है अधिकारियों को कि गोपीलाल अपने मुंह से खुद चार बार बोल रहा है कि मै श्रीराम हेल्थ केयर सेन्टर हास्पिटल में 2021 फरवरी से काम करना शुरू किया हूं, फरियादी ने पुलिस प्रशासन को कई बार बोला कि हमारी मोबाइल कॉल डिटेल निकलवाइये मेरे नंबर की, कि मै गणेश कुशवाहा से बात करता रहा कि गोपीलाल से बात करता रहा उस समय पुलिस अधीक्षक अवधेश गोस्वामी एडिसनल एस.पी. मुकेश वैश्य जिलाध्यक्ष कलेक्टर सतेन्द्र सिंह रहे, शिकायतकर्ता ने कई बार आवेदन दिया और खुद जाकर मिलता रहा कि मै गोपीलाल को आज तक देखा नही और पहचानता भी नही हूं 2020 के पहले, जब नया कानून आ जायेगा अधिकारी अफसरों की एम.आर.पी. बढ जायेगी और बैंक बैलेंस भी बढता जायेगा, माननीय उच्च न्यायालय आदेश के बाद भी श्रीराम हेल्थ केयर सेन्टर हास्पिटल का प्रबंधक हत्यारा विजय द्विवेदी और गणेश कुशवाहा पैसे के दम पर आज भी आजाद घूम रहा है शहडोल संभाग का दुर्भाग्य है जो निर्दोष होते है उनको आरोपी बनाया जाता है जैसे गोरखनाथ ड्राइवर को चोरी के झूठे केश में फंसा दिया गोरखनाथ के परिवार को 25 साल बाद उच्चतम न्यायालय से न्याय मिला शहडोल जिला संभाग के भ्रष्ट अधिकारी लोग आम जनता पब्लिक के साथ न्याय नही करते है, अधिकारी लोग राजनीति
नया कानून आ जाएगा और लागू हो जाएगा कानून के रखवाले नुमाइन्दे ये,नये कब आयेगे आम जनता पब्लिक इन लोगों के पास ही जाती है
ई खबर मीडिया के लिए ब्यूरो देव शर्मा की रिपोर्ट