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भारत ब्रिटेन का रक्षा और सुरक्षा पर जोर, बोरिस जानसन ने पीएम मोदी को बताया खास दोस्‍त

नई दिल्‍ली। प्रधानमंत्री मोदी और ब्रिटिश पीएम बोरिस जानसन ने शुक्रवार को एक महत्‍वपूर्ण बैठक की। इस दौरान दोनों देशों के बीच कई क्षेत्रों में आगे बढ़ने पर सहमति बनी। समाचार एजेंसी एएनआइ के मुताबिक दोनों देशों ने रक्षा सहयोग को और मजबूती करने का फैसला किया है। दोनों प्रधानमंत्रियों ने कार्बन उत्‍सर्जन को कम करने के लिए स्‍वच्‍छ ऊर्जा के उत्‍पादन के लिए आपसी सहयोग को बढ़ाने का फैसला किया है। इस दौरान अपने संबोधन में ब्रिटिश पीएम बोरिस जानसन ने प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी को खास दोस्‍त बताया।

बोरिस जानसन ने कहा कि ब्रिटेन रक्षा खरीद के लिए डिलीवरी के समय को कम करने के लिए एक सामान्य निर्यात लाइसेंस बना रहा है। भारत और ब्रिटेन के बीच साझेदारी बेहद महत्‍पवूर्ण है। दोनों देशों ने अपने रिश्तों को हर तरह से मजबूती देने का काम किया है। उन्‍होंने बताया कि दोनों देश वायु, अंतरिक्ष और समुद्री खतरों से निपटने के लिए द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने पर सहमत हुए हैं। यही नहीं दोनों पक्ष स्थायी और घरेलू ऊर्जा के लिए भी कदम उठाएंगे।

बोरिस जानसन (Boris Johnson) ने कहा कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र को मुक्त और खुला बनाए रखने के लिए दोनों देशों का साझा हित है। दोनों ही हिंद-प्रशांत क्षेत्र में नियम आधारित परिवहन के लिए काम करने पर सहमत हैं। जानसन ने भारत में अद्भुत स्वागत के लिए प्रधानमंत्री मोदी को धन्‍यवाद दिया और कहा कि वह खुद को महान क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर और मेगास्टार अमिताभ बच्चन की तरह महसूस करते हैं।

बोरिस जानसन ने कहा कि दोनों पक्ष साइबर क्षेत्र में नए खतरों का सामना करने के लिए मिलकर काम करने पर सहमत हुए है। ब्रिटेन लड़ाकू विमानों के लिए नई जेट प्रौद्योगिकी के साथ ही समुद्री क्षेत्र में साझेदारी को मजबूत करेगा ताकि खतरों का मुंहतोड़ जवाब दिया जा सके। हम एक नई और विस्तारित रक्षा और सुरक्षा साझेदारी पर सहमत हुए हैं। रक्षा के क्षेत्र में यह साझेदारी पीएम मोदी के नारे ‘मेक इन इंडिया’ के लक्ष्यों को हासिल करने के लिए प्रतिबद्ध है।

दोनों देशों के बीच हुई बातचीत और समझौतों के बारे में जानकारी देते हुए विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने कहा कि द्विपक्षीय वार्ता के दौरान प्रधानमंत्री मोदी और बोरिस जानसन ने एफटीए के मसले पर चर्चा की। व्यापार, रोजगार, साइबर सुरक्षा, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, अंतरिक्ष और अन्य तकनीकों पर भी दोनों नेताओं ने बातचीत की। यूक्रेन के मुद्दे पर बातचीत हुई। भारत चाहता है कि जल्‍द से जल्‍द संघर्ष विराम हो और विवाद सुलझ जाए। कई मायने में यह यात्रा ऐतिहासिक रही।

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