पूर्णिया जिले में 31 वर्षीय सोनी देवी की जमीन विवाद: देवरों द्वारा कब्जा और प्रशासन की उदासीनता
पूर्णिया जिले के धमधा थाना क्षेत्र की निवासी सोनी देवी के सामने एक गंभीर जमीन विवाद खड़ा हो गया है। उनके पति मुकेश ने बड़ी मेहनत से 8 कट्टा जमीन खरीदी थी, लेकिन उनके देवरों ने कथित रूप से दबंगों के साथ मिलकर इस पर कब्जा कर लिया है और रातों-रात उस पर घर बना लिया। जब इस मामले की शिकायत करने सोनी देवी और उनके पति थाने पहुँचे, तो वहां उनकी फरियाद सुनने से इनकार कर दिया गया।
परिवार में विवाद और तनावपूर्ण स्थिति
मुकेश के पिता चिंटू लाल यादव ने भी इस बात की पुष्टि की है कि 8 कट्टा जमीन में से 6 कट्टा जमीन पर उनके देवरों ने कब्जा कर लिया है। वह मुकेश के साथ रहते हैं और उनका समर्थन भी करते हैं। हालांकि, मुकेश के बाकी भाई—पप्पू कुमार, राजेश कुमार, और रुपेश कुमार—लगातार उन्हें धमकाते रहते हैं और उनके साथ हाथापाई की कोशिश करते हैं। इन भाइयों के बीच संपत्ति को लेकर आपसी संघर्ष लगातार बढ़ता जा रहा है।
इस बीच, चौथे भाई सुकेश कुमार का कहना है कि मुकेश ने जमीन की खरीदारी में पैसे दिए हैं, इसलिए इस जमीन पर उनका कानूनी अधिकार है। उन्होंने यह भी कहा कि मारपीट के बजाय आपसी सहमति से इस समस्या का समाधान होना चाहिए।
फर्जी दस्तावेज़ों और अवैध कब्जे का आरोप
सोनी देवी ने आरोप लगाया है कि उनके देवर पप्पू कुमार, राजेश कुमार, और रुपेश कुमार ने फर्जी तरीके से दस्तावेज़ तैयार करवा लिए हैं और गांव के दबंगों के सहयोग से जमीन पर अवैध कब्जा कर लिया है। इस जमीन पर पहले से ही ट्यूबवेल और बोरिंग लगी हुई थी, और अब उनके देवर पुराने घर को तोड़कर नया घर बनाने की कोशिश कर रहे हैं।
पुलिस प्रशासन से न्याय की गुहार
सोनी देवी ने कई बार पुलिस प्रशासन से मदद की गुहार लगाई, लेकिन उनकी शिकायत पर कोई ध्यान नहीं दिया गया। पुलिस थाने में उन्हें न्याय नहीं मिला, जिसके चलते अब उन्होंने मीडिया का सहारा लिया है। उनका कहना है कि उनके पति मुकेश ने इस जमीन को बहुत मेहनत से खरीदा था, और अब वह चाहती हैं कि उन्हें उनकी जमीन वापस मिले।
सोनी देवी ने मीडिया के माध्यम से एक अपील की है कि उन्हें न्याय मिले और उनकी जमीन पर उनका अधिकार बहाल हो। उन्होंने कहा कि उनके पति ने यह जमीन गांव के एक राजपूत से खरीदी थी, और अब उनके देवर जबरन इस पर कब्जा करना चाहते हैं। उन्होंने प्रशासन से अपील की है कि वे इस मामले में हस्तक्षेप करें और उनके परिवार को न्याय दिलाएं।
समाज और प्रशासन के लिए सवाल
यह मामला न केवल सोनी देवी और उनके परिवार के लिए बल्कि समाज और प्रशासन के लिए भी एक सवाल खड़ा करता है। प्रशासन की उदासीनता और दबंगों के सहयोग से की गई अवैध गतिविधियाँ समाज में भय और अन्याय का वातावरण पैदा करती हैं। क्या सोनी देवी और उनके परिवार को न्याय मिलेगा? यह सवाल अब प्रशासन और समाज के सामने है।
सोनी देवी और उनके परिवार की यह आपबीती एक चेतावनी है कि ग्रामीण क्षेत्रों में संपत्ति विवादों के मामले किस प्रकार से पेचीदा हो सकते हैं। उनके लिए न्याय की लड़ाई अब थाने से मीडिया के दरवाजे तक पहुँच गई है, और वे उम्मीद करती हैं कि उनकी इस पुकार पर प्रशासन ध्यान देगा और उन्हें उनकी जमीन पर अधिकार दिलाएगा।