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योगी सरकार ने किया था आशीष मिश्रा की जमानत का विरोध, सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किया जवाब

नई दिल्ली। योगी सरकार ने लखीमपुर खीरी हिंसा (Lakhimpur Kheri Violence Case) मामले में मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा (Ashish Mishra) की जमानत याचिका का पुरजोर विरोध किया था। योगी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को एक सुनवाई के दौरान अपना जवाब दाखिल किया है। सरकार ने कहा कि राज्य ने आरोपी आशीष मिश्रा की जमानत याचिका का प्रभावी ढंग से विरोध नहीं किया, ये कहना गलत है। बता दें कि आशीष मिश्रा केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा के बेटे हैं।

गवाहों की सुरक्षा के सभी इंतजाम किए

वहीं यूपी पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि राज्य ने लखीमपुर खीरी कांड के पीड़ितों के गवाहों और परिवारों की सुरक्षा के लिए सभी प्रयास किए हैं। सुप्रीम कोर्ट को बताया गया कि सभी गवाहों की सुरक्षा स्थितियों के मूल्यांकन के लिए पुलिस द्वारा नियमित रूप से उनसे संपर्क भी किया जाता है।

सुप्रीम कोर्ट ने मांगा था जवाब

गौरतलब है कि 16 मार्च को हुई पिछली सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को नोटिस भेजकर जवाब मांगा था। कोर्ट राज्य सरकार को गवाहों की सुरक्षा सुनिश्चित करने को भी कहा था। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आशीष मिश्रा को जमानत दी थी। आशीष मिश्रा को 15 फरवरी को जेल से रिहा किया गया था। जमानत दिए जाने के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। किसानों की तरफ से केस लड़ रहे वकील प्रशांत भूषण ने कहा था कि एक गवाह के ऊपर हमला भी हुआ है।

आशीष मिश्रा पर किसानों को कार से कुचलने का आरोप

बता दें कि ये मामला बीते साल 3 अक्टूबर को लखीमपुर खीरी जिले का है। तिकुनिया इलाके में कुछ किसान यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के दौरे का विरोध कर रहे थे। इस दौरान तेज स्पीड में एक एसयूवी कार ने कुछ किसानों को कुचल दिया था। इस घटना के बाद हिंसा भड़क गई। गुस्साए किसानों ने एक ड्राइवर और भाजपा के दो कार्यकर्ताओं की कथित तौर पर पीट-पीटकर हत्या कर दी थी।

आरोप है कि जिस कार से किसानों को कुचला गया, उसे आशीष मिश्रा चला रहा था। सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित एसआइटी ने अपनी रिपोर्ट कोर्ट को सौंपी थी। एसआइटी की जांच के बाद आशीष को गिरफ्तार कर लिया गया था।

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