झारखंड में कोर्ट मैरिज के बाद युगल का संघर्ष: सुलेन्द्र और प्रीति की कहानी
अदालत के हस्तक्षेप से युगल की सुरक्षा और अधिकार सुनिश्चित, परिवार की परंपराओं पर फिर उठा सवाल
झारखंड : नवादा थाना अंतर्गत कव्वाकोल तहसील के चैनल दीप गाँव धारमा में रहने वाले सुलेन्द्र कुमार और प्रीति देवी की कोर्ट मैरिज ने पाँच महीने बाद एक नया मोड़ ले लिया है। सुलेन्द्र, जिनके पिता का नाम रामखेलावन जी है, ने पाँच महीने पहले प्रीति देवी से कोर्ट मैरिज की थी। शादी के बाद जब यह युगल अपने गाँव लौटा, तो उनके घरवालों ने इस शादी पर आपत्ति जताई।
सुलेन्द्र और प्रीति ने झारखंड में जाकर कोर्ट मैरिज की थी। शादी के पाँच महीने बीतने के बाद, जब वे अपने गाँव वापस आए, तो उनके घरवालों ने इस शादी को मान्यता नहीं दी। मामले ने तब तूल पकड़ा जब प्रीति की दादी जी ने पुलिस को फोन कर इसकी शिकायत की।
शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने सुलेन्द्र और प्रीति को हिरासत में ले लिया। अदालत में सुनवाई के दौरान, सुलेन्द्र ने अपनी पत्नी प्रीति के साथ रहने की इच्छा जताई और कहा कि वह किसी भी सजा को भुगतने के लिए तैयार हैं, लेकिन अपनी पत्नी का साथ नहीं छोड़ेंगे। सुलेन्द्र ने बताया कि प्रीति पाँच महीने की गर्भवती हैं और उसकी दादी उसे जबर्दस्ती अपने घर ले गई। सुलेन्द्र ने प्रशासन से अपील की है कि वह प्रीति से मिलने में उनकी मदद करें क्योंकि वह प्रीति के बिना नहीं रह सकते और उसकी सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं।
अदालत ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए युगल के अधिकारों और उनकी सुरक्षा का आश्वासन दिया है। इस घटना ने समाज में विवाह और परिवार की परंपराओं के बीच की खाई को एक बार फिर उजागर कर दिया है।
ई खबर मीडिया के लिए ब्यूरो देव शर्मा की रिपोर्ट