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भगवान श्री कृष्ण का हुआ अवतार

छोटी काशी अनूपशहर के मदार गेट स्थित श्री शिव शक्ति मंदिर में चल रही भागवत कथा के क्रम में भगवान श्री कृष्ण के अवतार की पावन कथा का भक्तों ने श्रवण किया। कथा व्यास विनय भूषण जी महाराज ने बताया कि भगवान श्री कृष्ण का जन्म द्वापर युग में भाद्रपद कृष्ण अष्टमी तिथि की रात्रि को मथुरा के कारागार में हुआ था. उनके माता-पिता वासुदेव और देवकी थे. कंस को आकाशवाणी से पता चला था कि देवकी के आठवें बच्चे से उसकी मृत्यु होगी, इसलिए उसने दोनों को जेल में बंद कर दिया था. भगवान विष्णु ने वासुदेव से कहा कि वे कृष्ण को गोकुल में नंद बाबा के घर छोड़ आएं और वहां जन्मी एक कन्या को कंस को सौंप दें. वासुदेव ने ऐसा ही किया और कंस को कन्या सौंप दी. कंस ने जैसे ही कन्या को मारने के लिए हाथ उठाया, वह आकाश में गायब हो गई और आकाशवाणी हुई कि कंस जिसे मारना चाहता है, वह गोकुल पहुंच चुका है. आकाशवाणी सुनकर कंस घबरा गया*
श्री कृष्णा जन्म अवतार की कथा में जयप्रकाश सिंह सप्त्नीक यजमान बने और उन्होंने वासुदेव की भूमिका निभाते हुए कन्हैया को यमुना पार नन्द बाबा के घर गोकुल पहुँचाया
इस अवसर पर भक्त भक्ति रस में भजन व बधाई गाते हुए झूम उठे
श्री चंद्रपाल सिंह व्यवस्थापक, सौरभ गौड़, हेमंत शर्मा, तरुण शर्मा, एन० डी ०मिश्रा, अशोक शर्मा, सुषमा राजपूत,आरती मिश्रा, मालती शर्मा आदि अनेक भक्त उपस्थित रहे

ई-खबर मीडिया के लिए संवाददाता गगन कुमार की खबर।

 

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