संक्रांति पर्व पर होगा पवित्र स्नान, आसमान में उडेंगी पतंग
मध्यप्रदेश। हमारे देश में मकर संक्रांति के पर्व का विशेष महत्व है, जिसे हर साल जनवरी के महीने में धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन सूर्य उत्तरायण होता है और पृथ्वी का उत्तरी गोलार्द्ध सूर्य की ओर मुड़ जाता है।परंपराओं के मुताबिक इस दिन सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है। सामान्य तौर पर मकर संक्रांति का त्योहार 14 जनवरी को मनाया जाता है। लेकिन इस बार सूर्य का मकर राशि में परिवर्तन मंगलवार—बुधवार की दरमियानी रात 2 बजकर 7 मिनट पर हो रहा है, जिससे इस वर्ष मकर संक्रांति पर्व 15 जनवरी दिन बुधवार को मनाई जाएगी।
पर्व को मनाने के लिए कडकडाती ठंड की चिंता किए बगैर पवित्र नदियों में जहां बुधवार अलसुबह से स्नान का पर्व लेने आस्था की डुबकी लगाई जाएगी, वहीं त्यौहार पर अपनी खुशियों को आसमान की उचाई देने के लिए पतंग उडाई जाएगी।
मकर संक्रांति की तिथि और शुभ मुहूर्त—
मकर संक्रांति या खिचड़ी की तिथि: 15 जनवरी 2020
मकर संक्रांति पुण्य काल: 15 जनवरी 2020 को सुबह 7 बजकर 15 मिनट से शाम 5 बजकर 46 मिनट तक
कुल अवधि: 10 घंटे 31 मिनट
मकर संक्रांति महापुण्य काल: 15 जनवरी 2020 को सुबह 7 बजकर 15 मिनट से सुबह 9 बजे तक
कुल अवधि: 1 घंटे 45 मिनट
मकर संक्रांति की पूजा विधि—
– भविष्यपुराण के अनुसार सूर्य के उत्तरायण के दिन संक्रांति व्रत करना चाहिए।
– तिल को पानी में मिलाकार स्नान करना चाहिए. अगर संभव हो तो गंगा स्नान करना चाहिए। इस दिन तीर्थ स्थान या पवित्र नदियों में स्नान करने का महत्व अधिक है।
– इसके बाद भगवान सूर्यदेव की पूजा-अर्चना करनी चाहिए।
– मकर संक्रांति पर अपने पितरों का ध्यान और उन्हें तर्पण जरूर देना चाहिए।
स्नान कर करें दान पुण्य—
धार्मिक मान्यता अनुसार मकर संक्रांति के दिन किया गया दान सौ गुना फल देता है। मकर संक्रान्ति के दिन घी-तिल-कंबल-खिचड़ी दान का खास महत्व है। खुशी और समृद्धि के प्रतीक मकर संक्रांति के दिन पुण्य काल में दान देना, स्नान करना या श्राद्ध कार्य करना शुभ माना जाता है।