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स्वास्थ्य विभाग की टीम पहुंची जांच करने ताले लगे मिले

देवास पीपलरावां — आयुष्मान भारत योजना जिसे केंद्र सरकार द्वारा वर्ष 2018 में लांच किया गया था। योजना का मुख्य उद्देश्य लोगों को मुफ्त स्वास्थ्य सेवा का लाभ देना है। जिसे लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आए दिन अपने भाषणों में जिक्र करते नहीं थकते हैं। वे कहते हैं कि आज गांव-गाव में आपको आयुष्मान आरोग्य मंदिर दिखेंगे। हमने गांवों में 1.5 लाख से अधिक आयुष्मान आरोग्य मंदिर बनवाए हैं। किंतु हकीकत यह है कि ग्रामीण क्षेत्रों में लाखों रुपये खर्च कर स्थापित किए इन मंदिरों की स्थिति दयनीय है। कई आरोग्य मंदिरों पर ताले लगे है, तो कई पर पदस्थ स्टाफ के लोग वहां जाना उचित नहीं समझ रहे है। इस बात का खुलासा तब हुआ जब शनिवार को एक मेडिकल आफिसर व सुपरवाईजर की टीम ने क्षेत्र कुछ सेंटरों का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्हें कुछ स्थानों पर ताले मिले तो कुछ पर स्टाफ अनुपस्थित मिला। आश्चर्य तो तब हुआ जब पता चला कि सेंटरों के परिसर में साफ- सफाई नहीं होने से वहां झाड़ियां उग आई है व आपपास कूड़ा-करकट के ढेर जमा हो गए है। वहीं ग्रामीणों का कहना है कि इन आरोग्य मंदिरों में अधिकारियों का आना तो दूर महीनों से इनमें झाडू तक नहीं लगी है। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों के सेंटरों के रोज खुलने और मरीजों के वहां पहुंचने के महज खोखले साबित हो रहे है। मामले में जानकारी देते स्वास्थ्य विभाग की टीम के डॉ. अनिल राव मेडिकल ऑफिसर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पीपलरावां व कैलाश एरवाल सेक्टर सुपरवाइजर ने बताया कि जांच के दौरान ग्राम गढ़खजुरिया आयुष्मान आरोग्य मंदिर पर ताला लगा मिला। रजापुर स्वास्थ्य केंद्र के परिसर में घास व झाड़ियां उग रही है, मुख्य गेट के पास ग्राम पंचायत ने कम्पोस्टिंग खाद का घूड़ा बना रखा है। परिसर के अंदर बिजली के तार लटक रहे है। साथ ही यहां एक्सपायरी डेट की दवाइयां भी मिली है। जिन्हें लेकर जांच अधिकारियों द्वारा फिलहाल जवाबदार लोगों को व्यवस्थाएं सुधारने की बात कही गई है। राव ने गढ़खजुरिया मंदिर के बंद मिलने पर सीएचओ मनीषा राठौर को अनुपस्थिति के लिए कारण बताओ नोटिस दिए जाने की बात कही है। आपको बता दें कि सोनकच्छ विकासखंड के कई गांवों में आयुष्मान आरोग्य मंदिर बने है। जिनके आसपास बड़ी मात्रा में गंदगी पसरी पड़ी है। कुछ स्थानों पर तो मंदिर जर्जर अवस्था में है। ग्रामीणों का कहना है कि आरोग्य मंदिरों के ताले हफ्ते में सिर्फ दो दिन ही खुलते है, बाकी दिन बंद ही रहते हैं। क्या है आयुष्मान आरोग्य मंदिर योजना मोदी सरकार गरीबों के लिए फ्री राशन से लेकर बीमा, आवास सहित कई योजनाएं चला रही है। ऐसी ही एक योजना है आयुष्मान भारत, जिसे साल 2018 में लांच किया गया था। इसे लोगों को मुफ्त स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ देने के लिए शुरू किया गया था। इसके तहत 5 लाख रुपए तक का मुफ्त इलाज दिया जाता है। इस योजना का नाम बाद में आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना-मुख्यमंत्री योजना कर दिया गया। इसके तहत संचालित आयुष्मान भारत स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों का नाम बदल कर आरोग्य परमं धनम् टैगलाइन के साथ आयुष्मान आरोग्य मंदिर कर दिया गया है। इस मंदिर में पुजारी नहीं बल्कि डॉक्टर होते हैं, जो गरीबों का मुफ्त में इलाज करते है।

ई खबर मीडिया के लिए देवास  से विष्णु शिंदे  की रिपोर्ट 

 

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