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अशोक गहलोत के सामने मंत्रियों में तकरार, सीएम के दखल के बाद हुए शांत

जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में मंगलवार रात हुई मंत्रिमंडल की बैठक में मंत्रियों के बीच की खींचतान खुलकर सामने आ गई। सीएम के सामने मंत्रियों के बीच जमकर तकरार हुई। बड़ी मुश्किल से मंत्री शांत हुए। शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा और राजस्व मंत्री हरीश चौधरी के बीच राजस्व से जुड़े लंबित मामलों को लेकर तकरार हुई। हरीश चौधरी चंडीगढ़ से वीडियो कांफ्रेंसिंग से जुड़े थे। डोटासरा ने प्रशासन गांवों के संग अभियान को लेकर चौधरी पर निशाना साधते हुए कहा कि राजस्व विभाग में सबसे ज्यादा मामले लंबित हैं और मंत्री चंडीगढ़ जाकर बैठ गए, हम किस से जाकर कहें। तहसीलदारों के पद खाली हैं।

गोविंद सिंह डोटासरा के वार पर हरीश चौधरी का पलटवार
गोविंद सिंह डोटासरा के हमलावर होने पर हरीश चौधरी ने पलटवार करते हुए कहा कि आम काम बताइए, मैं चंडीगढ़ में बैठकर ही सब कर दूंगा, फिर भी ज्यादा जरूरी हुआ तो जयपुर आ जाऊंगा। चंडीगढ़ रहूं या जयपुर में रहूं इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। मैं चार्टर विमान लेकर जयपुर आ जाऊंगा। इस पर डोटासरा ने चौधरी से कहा आप चार्टर की धौंस मत दिखाओ। तकरार बढ़ती देख सीएम को दखल करना पड़ा, तब जाकर मामला शांत हुआ। कृषि मंत्री लालचंद कटारिया और चिकित्सा मंत्री डा. रघु शर्मा ने भी राजस्व विभाग में लंबित मामलों का विषय उठाया। कटारिया ने कहा कि ग्रामदानी गांवों में पट्टे नहीं दिए जा सकते, नियम उनके आड़े आ रहे हैं। अड़चन को दूर नहीं किया जा रहा। शर्मा ने बीसलपुर विस्थापितों के मामले में फैसला होने के बावजूद अब तब जमीन का आवंटन नहीं होने पर नाराजगी जताई। चौधरी की कटारिया व शर्मा के साथ भी नोकझोंक हुई। उल्लेखनीय है कि इससे पहले भी एक बार मंत्रिमंडल की बैठक में डोटासरा और स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल के बीच काफी तकरार हुई थी। दोनों ने एक-दूसरे को देख लेने तक की बात कही थी।

विवाद का असली कारण कांग्रेस की सियासत

गोविंद सिंह डोटासरा और हरीश चौधरी के बीच असली विवाद का कारण कांग्रेस की आंतरिक सियासत है। दअसल, पंजाब कांग्रेस का प्रभारी बनते ही चौधरी ने एक व्यक्ति एक पद के नियम की पालन करने की बात कही थी। चौधरी ने सीएम और कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के समक्ष मंत्री पद छोड़ने की पेशकश की थी। चौधरी ने सार्वजनिक रूप से कहा था कि जिन मंत्रियों के पास संगठन की भी जिम्मेदारी है, उन्हें एक पद छोड़ना चाहिए। चौधरी के इस बयान का असर डोटासरा और शर्मा पर होता नजर आ रहा है। डोटासरा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष भी हैं। वहीं, शर्मा को पिछले माह गुजरात का प्रभारी बनाया गया है। ऐसे में इन दोनों पर मंत्री पद छोड़ने का दबाव बढ़ रहा है। इन दोनों मंत्रियों का मानना है कि चौधरी की पहल के कारण उन्हें मंत्री पद छोड़ना पड़ेगा। नोकझोंक को लेकर जब हरीश चौधरी से बात की गई तो उन्होंने कहा कि जो मुद्दे मंत्रियों ने उठाए हैं। उनका समाधान किया जाएगा। इसे तकरार कहना गलत है।

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