संघ पर पहली बार लगे प्रतिबंध के समय जेल में रहने वाले 102 वर्षीय प्रचारक धनप्रकाश त्यागी का निधन
राजस्थान। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर जब देश में पहले बार प्रतिबंध लगाया गया तो स्वयंसेवकों की पहचान कर उन्हें जेल भेजा गया। जेल यात्रा करने वालों में धनप्रकाशज त्यागी भी शामिल थे। श्री त्यागी लंबे समय तक जेल में रहे। संघ को अपना पूरी जीवन समर्पित करने वाले 102 वर्षीय आरएसएस प्रचारक धनप्रकाशजी त्यागी का शुक्रवार को जयपुर में 24 जनवारी को निधन हो गया। धनप्रकाशजी त्यागी की अंतिम यात्रा शनिवार को 25 जनवरी को सुबह 9.30 बजे संघ कार्यालय भारती भवन से प्रारंभ होकर चांदपोल शमशान घाट जाऐगी जहां उनका अंतिम सस्कार किया जाएगा।
धनप्रकाश त्यागी का जन्म 10 जनवरी 1918 को उत्तरप्रदेश के मुजफ्फर नगर जिला स्थित मएहपुरा गांव में हुआ। धनप्रकाश त्यागी ने विज्ञान संकाय से उच्च माध्यमिक तक शिक्षा प्राप्त की और दिल्ली में केन्द्रीय सरकार में क्लर्क की नौकरी की। उसी दौरान वे संघ के स्वयंसेवक बने। उन्होंने 1942 में दिल्ली से संघ का प्राथमिक शिक्षा वर्ग, 1943 में प्रथम वर्ष, 1944 में द्वितीय वर्ष तथा 47 में संघ शिक्षा वर्ग -तृतीय वर्ष का प्रशिक्षण लिया। केन्द्रीय सरकार में क्लर्क की नौकरी करने के बाद भी उनकी इच्छा भारत माता की सेवा में अनवरत लगे रहने की थी। इसी इच्छा के चलते उन्होंने क्लर्क की नौकरी छोड दी और अपना पूरा जीवन संघ को समर्पित कर दिया।
घनप्रकाश त्यागी 1943 में दिल्ली के संघ विस्तारक बने। सहारनपुर नगर और अलीगढ नगर प्रचारक के रूप में संघ कार्य किया। अम्बाला, हिसार, गुरूग्राम, शिमला एवं होशियारपुर के जिला प्रचारक का दायित्व भी निभाया। सघ पर लगे प्रथम प्रतिबन्ध के समय जेल में भी रहे। 1962 से 65 तक जम्मू विभाग प्रचारक रहे। इसके बाद संघ कार्य विस्तार के लिए जयपुर भेजा गया और 1965 से 1971 तक जयपुर विभाग प्रचारक के रूप में दायित्व का निर्वाह किया। 1971 से 1986 तक भारतीय मजदूर संघ में विभिन्न दायित्वों पर रहे। 2000 से 2005 तक सेवा भारती जागरण पत्रक के प्रकाशन का कार्यभार संभाला। घनप्रकाश त्यागी ने जीवन के अंतिम क्षण तकअपने स्वयं के कार्य अपने आप करते थे,तथा अपना अधिकाशं समय स्वाध्याय व लेखन में व्यतीत करते थे।