आंवला में दबंगों का कब्जा, हरीराम की न्याय की गुहार: क्या मिलेगा इंसाफ?
आंवला (बरेली)। आंवला तहसील के ग्राम गुलड़िया उपराला निवासी हरीराम ने अपनी पुश्तैनी भूमि पर दबंगों द्वारा जबरन कब्जा किए जाने के खिलाफ मीडिया के माध्यम से मुख्यमंत्री और प्रशासन से न्याय की गुहार लगाई है। हरीराम का आरोप है कि आरोपित धारा सिंह और धर्मपाल सिंह ने फर्जी दस्तावेज तैयार कर उनकी भूमि पर कब्जा कर लिया और 8 नवंबर 2024 को अवैध निर्माण कार्य शुरू कर दिया।
हरीराम ने बताया कि इस मामले को लेकर उन्होंने अदालत का रुख किया था, जहां सिविल कोर्ट ने उनके पक्ष में फैसला सुनाते हुए बैनामा को शून्य घोषित कर दिया था। बावजूद इसके आरोपितों ने अपने दबाव में काम करना जारी रखा। विरोध करने पर हरीराम को जातिसूचक गालियाँ दी गईं और जान से मारने की धमकी दी गई।
हरीराम ने मीडिया से कहा कि उनके पास अपनी जमीन के अलावा कुछ नहीं है और दबंगों द्वारा उनका उत्पीड़न उनके परिवार की रोजी-रोटी के लिए खतरे की घंटी बन गया है। उन्होंने उप जिलाधिकारी से तत्काल हस्तक्षेप की अपील की है ताकि अवैध कब्जा रोका जा सके और आरोपितों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए।
हरीराम ने बताया कि उन्होंने मुख्यमंत्री के 1076 हेल्पलाइन नंबर पर भी शिकायत की थी, लेकिन अब तक कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं हुई। उनका कहना है कि यदि जल्द ही प्रशासन ने कार्रवाई नहीं की, तो यह मामला और अधिक गंभीर हो सकता है।
स्थानीय समुदाय में इस घटना के बाद गुस्सा बढ़ गया है, और लोग प्रशासन से न्याय की मांग कर रहे हैं। सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि अनुसूचित जाति के लोगों के अधिकारों का हनन किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।
क्या है पूरा मामला?
पीड़ित हरीराम ने मीडिया के माध्यम से सरकार से लगाई न्याय की गुहार: आंवला तहसील में दबंगों द्वारा जबरन भूमि कब्जा करने का मामला
आंवला (बरेली)। आंवला तहसील के ग्राम गुलड़िया उपराला निवासी हरीराम ने अपनी पैतृक भूमि पर दबंगों द्वारा जबरन कब्जा करने के मामले में अब मीडिया के माध्यम से सरकार से न्याय की मांग की है। हरीराम का आरोप है कि धारा सिंह और धर्मपाल सिंह ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर उनकी भूमि पर कब्जा करना शुरू कर दिया और अवैध निर्माण कार्य शुरू कर दिया।
हरीराम ने बताया कि उनकी भूमि पर जबरन कब्जा करने के प्रयासों को उन्होंने कोर्ट में चुनौती दी थी, और सिविल कोर्ट ने उनके पक्ष में फैसला सुनाते हुए बैनामा को शून्य घोषित कर दिया था। हालांकि, इसके बावजूद आरोपितों ने 8 नवंबर 2024 को निर्माण कार्य शुरू कर दिया। हरीराम ने कहा कि जब उन्होंने विरोध किया, तो आरोपितों ने उन्हें जान से मारने की धमकी दी और जातिसूचक अपशब्दों का इस्तेमाल किया।
हरीराम ने अब मीडिया के सामने अपनी पीड़ा व्यक्त करते हुए सरकार से गुहार लगाई है कि प्रशासन और पुलिस आरोपितों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें और उनकी भूमि पर अवैध कब्जे को रोका जाए। उन्होंने मीडिया को बताया कि वह एक गरीब व्यक्ति हैं और उनकी भूमि ही उनकी मुख्य संपत्ति है, जो उनके परिवार के भरण-पोषण का साधन है। हरीराम ने कहा कि यदि प्रशासन ने समय रहते कार्रवाई नहीं की, तो यह मामला और गंभीर हो सकता है।
मुख्य आरोपी दारा सिंह और धर्मपाल के पिता शालिग्राम है जो दबंग के साथ मिलकर हमारी भूमि पर कब्जा कर चुके है तमंचे और लाठी डंडों से हम पर हमला कर देते हैं अगर हम अपनी जमीन को देखने जाते हैं तो अगर भविष्य में मुझे या मेरे परिवार को कोई नुकसान पहुंचता है तो इसके जिम्मेदार यही उपरोक्त लोग होंगे
उप जिलाधिकारी से न्याय की उम्मीद जताते हुए हरीराम ने कहा कि अदालत का आदेश उनके पक्ष में है, और वह उम्मीद करते हैं कि सरकार उनके अधिकारों की रक्षा करेगी। हरीराम के इस कदम ने क्षेत्र में हलचल मचा दी है, और लोग सरकार से जल्द न्याय की अपेक्षा कर रहे हैं।