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बुद्ध पूर्णिमा : 7 मई को 14 प्रतिशत बड़ा और 30 फीसदी चमकदार होगा चांद

 

— बुद्ध पूर्णिमा पर कीजिये सुपरलावर मून का दीदार

 

[mkd_highlight background_color=”” color=”red”]सारिका घारू[/mkd_highlight]

 

 

सात मई 2020 गुरूवार को चांद समान्य दिनों की तुलना में 4 प्रतिशत बड़ा और 30 फीसदी चमकदार दिखाई देगा। इस दिन चांद का काफी अर्कषक और खूबसुरत होगा। इस चांद को सुपरलावर मून कहा जाता है। इस साल का यह अंतिम सुपरमूमन 7 मई को दिखाई देगा। अगला सुपरमून 27 अप्रैल 2021 को दिखेगा।

इस साल का अंतिम सुपरमूमन 7 मई 2020 दिखने जा रहा है। बैसाख माह की बुद्ध पूर्णिमा का चांद होगा बेहद खास होगा। पृथ्वी से 361184 किमी दूर स्थित रहकर चंद्रमा आम पूर्णिमा की तुलना में 14 प्रतिशत बड़ा और 30 फीसदी चमकदार दिखेगा। पश्चिमी देशों में इस समय खिलने वाले फूलों के कारण इसे सुपरलावर मून, कार्न प्लांटिंग मून, मिल्कमून नाम भी दिया गया है।

सुपरमून शाम 6 बजकर 52 मिनिट पर पूर्वी आकाश मे उदय होना आरंभ होकर सुबह 5 बजकर 36 मिनिट पर यह अस्त होगा। पूर्व में क्षितिज से उदित होते चंद्रमा के सामने वृक्षों, लेंडमार्क या भवनों के होने से इसके बड़े आकार का अनुभव होगा। वातावरण की घनी परत में से इसका प्रकाश आने से इसका रंग तामिया दिखेगा। जैसे जैसे यह उपर आता जायेगा इसकी चमक बढ़ती जायेगी। अगर आपकी छत या आंगन से सुपरमून को उदय होते देख सकने की सुविधा हो तो इसकी फोटोग्राफी भी की जा सकती है।
इसे देखने के लिये टेलिस्कोप की अनिवार्यता नहीं है, तो सात मई को अपने घर की छत, आंगन से कीजिये चमकते चांद का दीदार।

— क्या होता है सुपरमून

चंद्रमा पृथ्वी की परिक्रमा अंडाकार पथ पर करता है जिसमें उसकी पृथ्वी से अधिकतम दूरी 406,692 किमी होती है जिसे अपोजी कहते हैं तथा न्यूनतम दूरी 356,500 किमी होती हैं जिसे पेरिजी कहते हैं। जब 361,885 किमी से कम दूरी पर रहते हुये पूर्णिमा आती है तो इसे सुपरमून कहा जाता है। यह बड़ा और चमकदार दिखता है।

 

 

( लेखिका नेशनल अवार्ड प्राप्त विज्ञान प्रसारक )

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